सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
राहुल गांधी, जो कि उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस सांसद हैं, हाल के दिनों में लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से काफी चर्चा में रहे हैं। हाशिए पर चल रही कांग्रेस पार्टी में उन्होंने एक नई जान फूंक दी है। वे जनता के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए अलग-अलग तरीकों से संपर्क साध रहे हैं। कभी वे मेट्रो के कर्मचारियों से मिलते हैं, तो कभी रेहड़ी-पटरी वालों के बीच जाकर उनसे बातचीत करते हैं। इसके अलावा, उन्हें डीटीसी की बसों में सफर करते हुए भी देखा गया है।
राहुल गांधी का असली नाम क्या है, यह सवाल कई लोगों के मन में उठता है। दरअसल, जब राहुल गांधी ने अपनी पढ़ाई की थी, तब उन्होंने “राहुल गांधी” नाम से नहीं, बल्कि “राउल विंसी” नाम से अपनी डिग्री प्राप्त की थी।
लोकसभा चुनाव के दौरान दाखिल किए गए नामांकन पत्र के मुताबिक, राहुल गांधी ने 1995 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी हॉल से “डेवलपमेंट स्टडीज़” में एम. फिल. (M. Phil.) की डिग्री हासिल की थी।
इस सर्टिफिकेट पर उनका नाम “राहुल गांधी” नहीं, बल्कि “राउल विंसी” दर्ज था। सत्ता पक्ष के लोग अक्सर इस नाम को लेकर राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर राहुल गांधी ने अपना नाम “राउल विंसी” क्यों रखा था? इसके पीछे की कहानी 1991 में शुरू होती है, जब उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद, राहुल गांधी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित रॉलिंस कॉलेज में भेजा गया, जहाँ उन्होंने अपनी बीए की डिग्री प्राप्त की। उस समय उनकी पहचान और सुरक्षा को सुरक्षित रखने के लिए उनका नाम बदलकर “राउल विंसी” कर दिया गया था। इसी नाम के साथ उन्होंने 1995 में एम. फिल. की डिग्री भी हासिल की।
इस तरह, उनकी सुरक्षा के कारण उन्हें “राउल विंसी” नाम से जाना गया, और आज भी यह नाम अक्सर चर्चा का विषय बनता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."