चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
वाराणसी एयरपोर्ट पर बच्चों की खरीद-फरोख्त का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला को 6 दिन के नवजात बच्चे के साथ बेंगलुरु जाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया है। यह मामला मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है और इसमें एक अस्पताल का मालिक भी शामिल है।
घटना तब शुरू हुई जब महिला ने 6 दिन के नवजात का एयर टिकट निकलवाया और सुरक्षा एजेंसियों को पार करते हुए बोर्डिंग पास हासिल कर लिया। महिला के साथ एक पुरुष भी था।
एयरलाइन के कर्मचारियों को महिला के व्यवहार पर शक हुआ, क्योंकि वह बच्चे को बोतल से दूध पिला रही थी और उसके उठने-बैठने का तरीका भी संदिग्ध लग रहा था।
एयरलाइन कर्मचारियों ने अपने शक के आधार पर सीआईएसएफ और पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद महिला को हिरासत में लिया गया।
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह महिला बच्चों की खरीद-फरोख्त में शामिल है। वाराणसी से सटे चंदौली के दुल्हीपुर इलाके में स्थित केबी अस्पताल के मालिक, जमील खान, जो खुद को डॉक्टर बताता है, इस धंधे का सरगना है।
महिला ने इसी अस्पताल से 50,000 रुपये में बच्चे को खरीदा था, और जमील ने उसके लिए एक फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट भी जारी किया था। इस मामले में पुलिस ने जमील खान, महिला, और उसके साथ आए पुरुष अशोक पटेल को गिरफ्तार कर लिया है।
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, 7 दिन से कम उम्र का नवजात बच्चा हवाई यात्रा नहीं कर सकता। जांच के दौरान बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में उसका नाम “रुद्रांश सिंह” दर्ज था और उम्र 6 दिन बताई गई थी।
महिला और पुरुष के नाम अलग-अलग होने के कारण भी शक और गहराता चला गया। पुलिस ने बच्चे को बाल सुधार गृह भेज दिया है और आरोपी महिला, उसके साथी और डॉक्टर को जेल भेज दिया गया है।
यह घटना बच्चों की तस्करी के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा है और इससे जुड़े सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
Author: samachar
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