संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर जिले के उरुवा क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक अस्पताल की एएनएम (ऑक्ज़िलियरी नर्सिंग मिडवाइफ) पर आरोप है कि वह सरकारी दवाओं को स्थानीय दुकानों के माध्यम से बेचने का ग़लत धंधा कर रही थी। इस काम में पुलिस थाने का एक चौकीदार भी शामिल था।
यह मामला तब सामने आया जब पुलिस ने एक छापेमारी के दौरान इन दुकानों से भारी मात्रा में सरकारी दवाओं को बरामद किया। पुलिस ने बलिया जिले की रहने वाली एएनएम और उस चौकीदार के खिलाफ मामला दर्ज किया था। चौकीदार को तो पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया, लेकिन एएनएम घटना के बाद से फरार चल रही थी। पुलिस ने अब उसे भी गिरफ्तार कर लिया है, और उसकी पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
एएनएम रीना और उसकी गतिविधियाँ
रीना नाम की यह एएनएम बलिया जिले के बेल्थरा रोड थाना क्षेत्र के गौवापार गांव की निवासी है और उरुवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात थी। उस पर आरोप है कि वह सरकारी दवाओं को चोरी करके स्थानीय दुकानदारों के साथ मिलकर ऊँचे दाम पर बेचती थी। इस काम में शामिल दुकानदारों को वह कमीशन भी देती थी।
चौकीदार परमानंद मिश्रा, जो पान की दुकान चलाता था, भी इस अवैध काम में रीना का सहयोगी था। वह पुलिस से बचाने के लिए एएनएम को आश्वासन देता था कि वह पुलिस कार्रवाई से उसे बचा लेगा।
पुलिस की कार्रवाई
जब इस अवैध धंधे की शिकायत पुलिस तक पहुंची, तो पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए छापेमारी की। इस छापेमारी में दुकानों पर एक नामी नमकीन कंपनी के गत्तों में भरी हुई सरकारी दवाएं और फोलिक एसिड सिरप जैसे अन्य मेडिकल उत्पाद बरामद हुए। जब पुलिस ने दुकानदारों से दवा बेचने का लाइसेंस मांगा, तो दुकानदारों ने अपनी गलती मान ली और सारा दोष एएनएम और चौकीदार पर डाल दिया।
पुलिस अधिकारी की प्रतिक्रिया
इस संबंध में एसपी साउथ जितेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर रीना को कस्बे में घूमते हुए गिरफ्तार किया, जब वह फिर से अवैध दवाओं का कारोबार करने की कोशिश कर रही थी।
पुलिस ने उसके बयान के आधार पर इस रैकेट के बारे में और भी जानकारी जुटाई है और सभी तथ्य व साक्ष्यों के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Author: samachar
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