नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर जिले के सादुल्लाहनगर इलाके में रहने वाले नूर आलम की गिरफ्तारी की खबर ने सभी को चौंका दिया है। नूर आलम पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सूचनाएं साझा करने का गंभीर आरोप है।
यह मामला उस समय सामने आया जब आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बृहस्पतिवार को नूर आलम को टेलीग्राम के माध्यम से संवेदनशील जानकारी आईएसआई को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया।
नूर आलम, जो कि भेलया मदनपुर गांव का निवासी है, दिल्ली में प्लास्टर ऑफ पेरिस का काम करता था।
करीब दो-तीन महीने पहले ही वह अपने गांव लौटा था। गांव के प्रधान प्रतिनिधि मसीउद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि नूर आलम का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है, और उसके पिता सफात अली फूलों की खेती करते हैं।
नूर आलम का कद छोटा है, और उसके बारे में कभी किसी को शक नहीं हुआ कि वह ऐसी किसी गतिविधि में संलिप्त हो सकता है।
गांव के लोगों के अनुसार, नूर आलम सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय था और उसे पहले टिकटॉक और इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाने का शौक था।
नूर आलम ने हाईस्कूल तक की पढ़ाई की है और लोग उसे तेज दिमाग वाला मानते थे। उसकी गिरफ्तारी ने न केवल गांव के लोगों को बल्कि स्थानीय खुफिया एजेंसियों और पुलिस की सक्रियता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
हालांकि, इस मामले में पुलिस के बड़े अधिकारी खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। सादुल्लाहनगर के एसओ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि नूर आलम का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, जबकि एएसपी नम्रिता श्रीवास्तव ने कहा कि इस कार्रवाई के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
बलरामपुर जिला, जो नेपाल की सीमा से सटा हुआ है, इससे पहले भी आतंकवाद निरोधक दस्ते की कई कार्रवाइयों का गवाह रह चुका है।
2020 में दिल्ली के धौलाकुआं में हुई मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार आतंकी अबू युसुफ उर्फ मुस्तकीम भी बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र के बढ़या भैसाही गांव का निवासी था।
एटीएस ने तब भी उतरौला में छापा मारा था, और इसके बाद भी कई अन्य कार्रवाइयाँ की गईं। पिछले वर्ष भी एटीएस ने सादुल्लाहनगर के एक व्यक्ति से संदिग्ध गतिविधियों के चलते पूछताछ की थी।
नूर आलम की गिरफ्तारी से जुड़े इस मामले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, और लोग अब भी इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि उनके बीच का एक व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकता है।
Author: samachar
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