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November 1, 2024 4:57 pm

सुबह होनी थी शिव चर्चा, रात हुई अनहोनी, सुबह बच्चे हो गए अनाथ, पढिए क्या है मामला

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संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

गोरखपुर के बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिधुआपर से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक दंपति की मौत हो गई। घटना की वजह उनके घर में लगे फर्राटा पंखे में आया करंट बताया जा रहा है। यह हादसा उस समय हुआ जब दंपति रात में सो रहे थे। 

घटना की जानकारी के अनुसार, 40 वर्षीय राजकुमार निगम अपनी पत्नी विभा के साथ तख्ते पर सो रहे थे। उनके साथ उनका आठ महीने का बेटा भी सोया हुआ था। 

अनुमान है कि रात के किसी समय पंखा बंद हो गया होगा, जिसके बाद राजकुमार ने पंखा चालू करने की कोशिश की। इस दौरान उन्हें पंखे में करंट लगा और वे इसकी चपेट में आ गए। अपनी पति को बचाने के प्रयास में विभा भी करंट की चपेट में आ गईं, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

इस हृदयविदारक घटना के समय घर में सभी लोग सो रहे थे। सुबह के समय राजकुमार और विभा की 12 वर्षीय बड़ी बेटी अंशुका जब मां को जगाने गई, तो उसने अपने माता-पिता को बेड से नीचे गिरे हुए देखा। उसने उन्हें जगाने की कोशिश की, लेकिन जब कोई हरकत नहीं हुई, तो वह घबरा गई और जोर-जोर से चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग घर में इकट्ठा हो गए और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल छा गया। मृतक दंपति के पांच बच्चे हैं, जो इस हादसे के बाद अनाथ हो गए। बड़ी बेटी अंशुका अपने छोटे भाई को गोद में लेकर कभी रो रही थी तो कभी अपनी बहनों को चुप कराने की कोशिश कर रही थी। 

इस दुखद घटना के बाद प्रशासन ने बच्चों की मदद का भरोसा दिलाया है। भाजपा विधायक राजेश त्रिपाठी ने जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से बात की और दुर्घटना आपदा से मिलने वाले पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया। 

जिलाधिकारी ने कहा कि कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद जल्द से जल्द यह राशि बच्चों को उपलब्ध कराई जाएगी।

इस हादसे की विशेष रूप से दुखद बात यह है कि उसी दिन सुबह घर में शिवचर्चा का कार्यक्रम आयोजित होना था, जिसके लिए रात भर तैयारियां की गई थीं। लेकिन इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे परिवार को शोक में डुबो दिया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."