जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ के नेहरू हाल में 16 अगस्त, बुधवार को समाजवादी पार्टी द्वारा संविधान मान स्तंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव थे। कार्यक्रम में गोपालपुर से सपा विधायक नफीस अहमद भी शामिल हुए, लेकिन कार्यक्रम के दौरान उनके साथ हुए भेदभाव ने उन्हें नाराज कर दिया और उन्होंने समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए।
घटना तब हुई जब विधायक नफीस अहमद मंच पर बोलने के लिए माइक के पास पहुंचे। तभी मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र के एक सपा नेता, जो सामने की कुर्सी पर बैठे थे, ने उन्हें बोलने से रोक दिया। उस नेता का कहना था कि वे लोग धर्मेंद्र यादव की बात सुनने के लिए आए हैं, न कि किसी और की।
इस पर विधायक नफीस अहमद ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, “मुसलमानों को भी बोलने का अधिकार है, लेकिन यहां मुसलमानों को बोलने नहीं दिया जा रहा है। उनके अधिकारों को दबाने की कोशिश की जा रही है।” इस बयान के बाद वहां मौजूद नफीस समर्थकों और अन्य लोगों के बीच कहा-सुनी होने लगी, जिससे माहौल गर्म हो गया।
इस बीच, सपा विधायक डॉ. संग्राम यादव ने मौके पर आकर बीच-बचाव किया। हालांकि, कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब विधायक नफीस अहमद बाहर आए, तो उन्होंने इस घटना से इनकार कर दिया।
इस पूरे घटनाक्रम को एक पत्रकार ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। लेकिन जब सपा के कुछ पदाधिकारियों ने पत्रकार को वीडियो बनाते हुए देखा, तो वे उसके खिलाफ आक्रामक हो गए। पीड़ित पत्रकार संदीप श्रीवास्तव का आरोप है कि सपा पदाधिकारियों ने उनका कॉलर पकड़कर मोबाइल छीन लिया और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
पत्रकार ने इस घटना के बाद शहर कोतवाली में समाजवादी पार्टी से जुड़े दो पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने समाजवादी पार्टी के अंदर चल रहे तनाव और पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को उजागर कर दिया है।
Author: samachar
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