गौडी शंकर झा की रिपोर्ट
बिहार के बेतिया जिले के चनपटिया थाना क्षेत्र के पिपरा गांव में हाल ही में एक अत्यंत शर्मनाक और घिनौनी घटना घटी है। इस गांव में एक शादीशुदा महिला को उसके प्रेमी के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया गया, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया और यह घटना स्थानीय व सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई।
घटना शुक्रवार रात की है। पिपरा गांव के ग्रामीणों ने महिला और उसके प्रेमी को एक साथ देखा और उनकी गतिविधियों पर आपत्ति जताई। ग्रामीणों ने उन्हें पकड़कर एक क्रूर और अमानवीय सजा देने का निर्णय लिया। प्रेमी को एक खम्बे से बांधकर बुरी तरह से पीटा गया। इस दौरान महिला का बच्चा भी घटनास्थल पर मौजूद था और वह लगातार रो रहा था।
घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे ग्रामीण अपने तरीके से न्याय की प्रक्रिया को अंजाम दे रहे हैं। वीडियो में महिला और उसके प्रेमी को खम्बे से बांधकर पीटा जा रहा है, जबकि महिला और उसका बच्चा दूर खड़े हुए हैं।
"ये इश्क नहीं आसन,मुश्किल इसे पाना है"
"एक आग का दरिया है और डूब के जाना है"शादी शुदा महिला के साथ उसके प्रेमी को ग्रामीणों ने इश्क लड़ाते पकड़ लिया..! फिर खम्बे में बांधकर पीटा, महिला का बच्चा बिलखता रहा"
बिहार में बेतिया के चनपटिया थाना क्षेत्र के पिपरा गांव में ग्रामीणों ने… pic.twitter.com/aIAIbmPGDt
— Rahul Saini (@JtrahulSaini) August 10, 2024
इस घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है। यह घटना एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि गांवों की पंचायतें और स्थानीय लोग व्यक्तिगत मामलों में हस्तक्षेप कर सकते हैं और न्याय के नाम पर ऐसी बर्बरता को कैसे उचित ठहरा सकते हैं।
स्थानीय लोगों ने इसे ‘एक सबक’ के रूप में देखा है, जबकि मानवाधिकार संगठनों ने इस प्रकार की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि यह पूरी तरह से गैरकानूनी और अमानवीय है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
इस घटना के पीछे छुपे सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी चर्चा हो रही है। क्या इस प्रकार की घटनाएं गांवों में न्याय की स्थापना करती हैं, या ये व्यक्तिगत और सांस्कृतिक पूर्वाग्रहों का परिणाम हैं? यह सवाल आने वाले दिनों में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर उठता रहेगा।
जैसा कि एक कहावत है, “ये इश्क नहीं आसन, मुश्किल इसे पाना है, एक आग का दरिया है और डूब के जाना है”, इस घटना में इस कहावत का पूरा मर्म स्पष्ट होता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."