ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
बरेली जिले के क्योलड़िया थाना क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाली घटना हुई है, जिसमें एक गरीब मजदूर और उसकी मां ने आर्थिक तंगी के चलते जहर खा लिया। सोमपाल (42) अपने परिवार के साथ धनौर जागीर गांव में रहता था। उसकी मां छंगो देवी (80), पत्नी जगदेई, और तीन बच्चे – मुनीष, दया, और लज्जावती – परिवार के अन्य सदस्य थे।
सोमपाल मजदूरी करता था और उसके बेटे मुनीष की कक्षा दो में पढ़ाई चल रही थी। बेटे की यूनिफॉर्म के लिए सरकार ने 1200 रुपये की सहायता राशि उसके बैंक खाते में डाली थी। लेकिन, यह पैसा ऋण पर ली गई मोटरसाइकिल की किस्त में कट गया। इस बात से सोमपाल और उसकी पत्नी जगदेई के बीच शुक्रवार की शाम विवाद हो गया।
सोमपाल इतना परेशान हो गया कि उसने जहर खा लिया और चौराहे पर तड़पने लगा। उसकी मां छंगो देवी को जब यह पता चला, तो उसने भी घर जाकर जहर खा लिया। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सभी दिक्कतें और आर्थिक तंगी की वजह से सोमपाल के पास दाह संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे। शव को ढकने के लिए घर में एक चादर भी नहीं थी, जिसे गांव के प्रधान ने खरीदी। घर में राशन की भी कमी थी और पड़ोसियों ने बच्चों को खाना दिया। घटना के बाद, यह भी पता चला कि सोमपाल की स्थिति बेहद दयनीय थी। हाल ही में उसकी कच्ची झोपड़ी बारिश में गिर गई थी और परिवार पड़ोसी के घर में रहने लगा था।
पत्नी जगदेई ने पुलिस को बताया कि उसने बेटे के लिए यूनिफॉर्म और जूते खरीदने का इरादा किया था, लेकिन बाइक की किस्त में पैसे कट गए और सोमपाल ने इसे पत्नी को नहीं बताया। जब जगदेई को पता चला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
Author: samachar
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