हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
रायपुर में एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है जिसमें आरोपी अभय यादव ने अपने शातिर तरीके से सस्ते मकान दिलाने के नाम पर लोगों को ठगा।
इस मामले में अभय यादव फरार है और पुलिस के पास उसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है। आरोपी की गर्लफ्रेंड चेतना यादव ने जिन डिटेल्स की जानकारी दी, वे सभी झूठी निकलीं। अभय ने अपने आधार कार्ड पर सब कुछ नकली जानकारी दी थी, जिससे उसकी असली पहचान और पते का कोई पता नहीं लग सका।
अभय यादव ने एक सुनियोजित योजना के तहत यह धोखाधड़ी की। सबसे पहले उसने अपनी गर्लफ्रेंड चेतना यादव के नाम पर एक सिम कार्ड बनवाया। फिर उसी नाम पर एक एग्रीमेंट कर ऑफिस किराए पर लिया।
इसके बाद, उसने धोखाधड़ी के लिए लोगों से पैसे प्राप्त करने के लिए चेतना और उसके भाई के खातों का उपयोग किया। जिन 33 लोगों ने शिकायत की है, उन्होंने कभी भी सीधे तौर पर उसके खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं किए।
इसकी एक और चतुराई यह थी कि अभय ने चेतना और उसके भाई के एटीएम कार्ड अपने पास रखे और खुद ही पैसे ट्रांसफर और निकालने का काम करता था। जब उसने रायपुर से फरार होने का मन बनाया, तो उसने चेतना के खाते में सिर्फ 500 रुपये छोड़ दिए।
अभय यादव और उसकी टीम ने सस्ते प्लॉट और फ्लैट दिलाने का झांसा देकर करीब 90 लाख रुपये की ठगी की। इसके बाद वे फरार हो गए।
पुलिस ने चेतना और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अभय अभी भी पकड़ से बाहर है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
अभय यादव लोगों को यह विश्वास दिलाता था कि उसकी आरडीए में अच्छी पकड़ है और बड़े अधिकारियों के साथ उसकी अच्छी सेंटिंग है, जिसके चलते उसे सस्ते में फ्लैट मिल रहे हैं। इसी विश्वास के चलते लोग उसकी बातों में आकर पैसे दे देते थे।
Author: samachar
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