Explore

Search

November 2, 2024 9:05 pm

प्यार की सजा ; पेड़ से बांधा, बाल मुंडे, पत्नी के मुंह पर कालिख पोता और मन नहीं भरा तो गले में जूते की माला डाल दिया, मामला सन्न कर देगी👇वीडियो

4 Views

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पंचायत के फरमान पर पति ने अपने पत्नी को पेड़ से बांध कर पहले उसके मुंह पर कालिख पोत दी। इतना ही नहीं उसके बाल काट दिए गए। जिसके बाद गांव में हड़कंप मच गया। 

ताजा मामला हथिगवां थाना के कुढ़ा इब्राहिमपुर गांव का है, जहा पंचायत की तालिबानी सजा का मामला सामने आया है। पंचायत के फरमान पर पति ने अपने परिजनों के साथ मिलकर अपने पत्नी के मुंह में कालिख पोत दी जिसके बाद पत्नी को पेड़ से बांध कर उसका बाल भी काट दिया। जिसके बाद पंचायत के फरमान से गांव में तनाव फैल गया। 

पत्नी के गांव के युवक लवकुश से अवैध संबंध होने पर उसको तालिबानी सजा दी गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पति हरिलाल समेत 15 व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।

सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक संजय रॉय गांव पहुंचे, जहां उन्होंने मामले की जांच करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। गांव में तनाव देखते हुए पुलिस बल की तैनाती भी कर दी गई है।

पंचायत के दौरान बिगड़ा मामला, सुना दिया तालिबानी सजा 

दरअसल हथिगवां थाना के रहने वाली महिला गांव के एक युवक लवकुश के प्रेम करती थी। विवाहिता महिला के तीन बच्चे भी है, उसका बड़ा बेटा 12 साल का है, महिला का पति हरिलाल में प्राइवेट नौकरी मुंबई में करता है। वहीं पति को उसके पत्नी के लवकुश के साथ अवैध संबंध का शक हुआ। बताया जा रहा है कि आज महिला और उसके प्रेमी को बात करते हुए पति ने पकड़ लिया, जिसके बाद प्रधान और ग्रामीणों के नेतृत्व में पंचायत हुई। पंचायत में प्रेमी जोड़ों को तालिबानी सजा सुना दी गई,लेकिन पंचायत के चंगुल से छूट कर प्रेमी थाने पहुंच गया।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने पति समेत 15 व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही महिला का मुंह काला करते हुए उसके बाल काट दिए गए थे। पुलिस ने 20 व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर दिया है।

वहीं कुंडा सीओ अजीत ने बताया की महिला के मुंह पर कालिख और उसके बाल काटे गए हैं। पंचायत के दौरान ही घटना हुई है,पति समेत 15 व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."