जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में यूपी-बिहार सीमा पर ट्रकों से वसूली की जो कार्रवाई की गई है, उसके बाद नरही थाने के निलंबित थानाध्यक्ष पन्ने लाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर समेत पांच पुलिसकर्मी फरार हैं।
पुलिस अभी तक इनकी लोकेशन का पता नहीं लगा पाई है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी आजमगढ़ के एएसपी सुभम अग्रवाल को सौंपी गई है, जिन्होंने बलिया पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
निलंबित थानाध्यक्ष और अन्य फरार पुलिसकर्मियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी, यदि वे आत्मसमर्पण नहीं करते।
पन्ने लाल के कमरे को सील कर दिया गया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण सबूत हो सकते हैं, जिनमें एक लाल डायरी भी शामिल है। इस डायरी में वसूली के इस रैकेट का पूरा हिसाब-किताब दर्ज है।
बलिया में ट्रकों से वसूली के मामले में DIG के पीआरओ सुशील कुमार की तहरीर पर पन्ने लाल, राजेश कुमार, प्रभाकर, सतीश गुप्ता, हरि दयाल, बलराम सिंह, दीपक मिश्रा, और विष्णु यादव पर केस दर्ज किया गया है।
सतीश गुप्ता और हरि दयाल को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य पुलिसकर्मी अभी भी फरार हैं। इन फरार पुलिसकर्मियों ने अपने फोन भी स्विच ऑफ कर दिए हैं, जिससे उनकी लोकेशन ट्रैक करना मुश्किल हो गया है।
थानाध्यक्ष पन्ने लाल गोरखपुर के निवासी हैं और उनकी वसूली की आदतें पहले से ही चर्चित थीं। उन्हें अक्सर उन थानों में तैनात किया जाता था जहां अधिक आमदनी होती थी। उनके खास पुलिसकर्मियों की ड्यूटी अक्सर चेक पोस्ट पर लगती थी, जहां से गुजरने वाले ट्रकों से वसूली की जाती थी। ये पुलिसकर्मी और कुछ स्थानीय लोग मिलकर ट्रकों को रोकते थे और पैसों की उगाही करते थे।
वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया के अनुसार, बिहार-यूपी सीमा पर चेकपोस्ट पर DIG की छापेमारी में पकड़े गए पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया है। कमरे को सील कर दिया गया है और जांच जारी है।
नए पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है, और थाने के अंदर अब रोजाना की तरह काम नहीं हो रहा है। चेक पोस्ट पर अब भी ट्रक बिना किसी रोक-टोक के निकल रहे हैं, और पुलिसकर्मी मोबाइल में व्यस्त हैं।
डीजीपी प्रशांत कुमार के मुताबिक, मामले की हर पहलू पर जांच की जा रही है और फरार पुलिसकर्मियों की तलाश जारी है। जल्द ही चार्जशीट में नामों के साथ बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस वसूली रैकेट में पुलिसकर्मियों ने निजी दलालों की मदद से ट्रकों से 500 रुपये की वसूली की। यूपी-बिहार बॉर्डर से हर रात 1000 ट्रक गुजरते थे, जिससे एक दिन में पांच लाख रुपये की उगाही होती थी और महीनेभर में डेढ़ करोड़ रुपये की काली कमाई हो रही थी।
Author: samachar
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