अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश बीजेपी में हाल ही में जोश भरने के लिए एक नई योजना तैयार की गई है। पिछले कुछ दिनों से पार्टी में चल रही खटपट और उथल-पुथल के बीच, शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संगठन मंत्री बीएल संतोष के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
इस बैठक में दोनों नेताओं ने करीब ढाई घंटे तक चर्चा की। बैठक में यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और मौजूदा राजनीतिक हालात पर विस्तार से बात की गई। इसमें संघ और बीजेपी से जुड़े दो अन्य पदाधिकारी भी शामिल थे।
स्रोतों के मुताबिक, बैठक में यूपी के अधिकारियों के खिलाफ प्राप्त फीडबैक और उसमें सुधार पर चर्चा की गई। यूपी में कुछ बड़े आधिकारिक फेरबदल की संभावना जताई जा रही है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में सकारात्मक सन्देश देने की कोशिश की जाएगी।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सियासत में काफी उथल-पुथल मची हुई है। सरकार और संगठन के बीच हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद से केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच दूरियां बढ़ गई हैं। स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि केशव प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट की तीन बैठकों में हिस्सा नहीं लिया, जबकि वह लखनऊ में मौजूद थे।
इसके अलावा, बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार को संगठन से बड़ा बताया था, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस वजह से पार्टी के भीतर अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आई है। पार्टी के विधायक भी इस मुद्दे पर खुलकर बयान दे रहे हैं। विपक्ष इस राजनीतिक घमासान पर चुटकी ले रहा है।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने केशव मौर्य को दिल्ली का मोहरा बताया है, जबकि केशव ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव कांग्रेस का मोहरा बनकर अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2024 में मिली सफलता से अखिलेश यादव का ग़ुब्बारा फूल गया है, और उन्हें सपा की हार की याद रखनी चाहिए।
इस बीच, यूपी में सियासी खींचतान का मुद्दा अब दिल्ली पहुंच गया है। नीति आयोग की बैठक के बाद, सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को पीएम मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
Author: samachar
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