जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पुलिस द्वारा की जा रही उगाही और वसूली की गंभीर शिकायतें सामने आई हैं। इस मामले का खुलासा हाल ही में डीआईजी आजमगढ़ और एडीजी वाराणसी की संयुक्त छापेमारी से हुआ। यह रेड बलिया के नरही थाने में की गई, जहां पुलिसकर्मियों द्वारा उगाही के सबूत मिले।
डीआईजी आजमगढ़, वैभव कृष्णा के अनुसार, पिछले चार दिनों से सूचना मिल रही थी कि बलिया पुलिस के कुछ कर्मी भरौली चेकपोस्ट पर उगाही कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर, एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ ने एक गुप्त टीम बनाई और बुधवार की रात भरौली चेकपोस्ट, कोरंटाडीह पुलिस चौकी, और नरही थाने पर छापेमारी की। छापेमारी की गोपनीयता इतनी थी कि इसकी सूचना एसपी बलिया को भी नहीं दी गई थी।
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छापेमारी के दौरान, भरौली चेकपोस्ट पर उगाही का खेल खुलकर सामने आया। हालांकि, कोरंटाडीह चौकी पर कोई नहीं मिला, लेकिन चौकी इंचार्ज को थाने में उगाही का हिसाब देते हुए देखा गया। जैसे ही पुलिसकर्मियों को पता चला कि डीआईजी और एडीजी की टीम ने छापेमारी की है, वे भागने लगे। नरही के कोतवाल ने तो थाने की ऊंची दीवार को कूदकर फरार हो गए।
इस छापेमारी में पुलिसकर्मियों और उगाही में लिप्त लोगों के पास से कई कागजात और नकदी बरामद की गई। कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो पुलिसकर्मी और बाकी आम नागरिक थे, जो पुलिस के नाम पर उगाही का काम करते थे। यह कार्रवाई सादी वर्दी में की गई थी, लेकिन मामले के खुलने के बाद अधिकारियों ने अपनी पहचान बताई और सभी संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
इस घटना के बाद, भरौली चेकपोस्ट, कोरंटाडीह चौकी, और नरही थाने के सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
कोरंटाडीह चौकी प्रभारी और नरही कोतवाल को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
Author: samachar
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