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22 January 2025 5:15 pm

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दरवाजा पीटती रही दो लडकियां लेकिन भेडियों से इज्जत बचा नहीं पाई … इंसानियत शर्मसार करने वाली खबर

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संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

गोरखपुर के गीडा इलाके में मंगलवार की देर रात पंजाब की दो युवतियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटित हुई। यह दुखद घटना टाली जा सकती थी अगर वहां मौजूद लोग मदद के लिए आगे आते। 

दरअसल, युवतियाँ दरिंदों से बचने के लिए एकला बाजार स्थित एक घर का दरवाजा पीट रही थीं। घर के अंदर से किसी ने झांका, लेकिन दहशत के कारण कोई बाहर नहीं आया। इसी दौरान आरोपी दोनों युवतियों को घसीटते हुए बाहर ले गए और जबरन बाइक पर बैठाकर अपने साथ ले गए।

बृहस्पतिवार को यह घटना एकला बाजार में चर्चा का विषय बनी रही। लोगों का कहना था कि अगर किसी ने हिम्मत दिखाई होती तो दोनों युवतियों की इज्जत बचाई जा सकती थी। 

घटना के बाद पुलिस ने एकला बाजार में स्थित एक दुकान का सीसीटीवी फुटेज खंगाला, जिसमें आरोपी युवतियों को दौड़ाते और जबरन ले जाते हुए दिखाई दे रहे थे। पुलिस ने दुकान का डीवीआर भी साक्ष्य के रूप में सुरक्षित रखा है।

बताया जा रहा है कि युवतियां जिस घर से मदद मांग रही थीं, उससे थोड़ी ही दूर पर मुठभेड़ में घायल आरोपी नीरज जायसवाल का भी घर है। 

पुलिस के अनुसार, पांचों आरोपी कहीं से शादी समारोह से लौट रहे थे, तभी रास्ते में कुनराघाट के पास आर्केस्ट्रा संचालक के साथ एक बाइक पर दो युवतियां जाती दिखीं। यहीं से आरोपी उनके पीछे लग गए और एकला बाजार में उन्हें रोकने में कामयाब हो गए। यहां पर युवतियां पैदल भागते हुए कई घरों के पास पहुंचकर मदद के लिए चिल्लाई थीं, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

घटना के बाद, आरोपियों ने एकला बाजार से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर एक बगीचे में युवतियों को ले जाकर दुष्कर्म किया। इस घटना से गांव के लोग शर्मसार हैं और गांव की प्रतिष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं। बुजुर्गों का कहना है कि अब उनके गांव में कोई शादी-विवाह करने नहीं आएगा।

नीरज जायसवाल पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं, जिनमें मारपीट, गुंडागर्दी और चोरी के आरोप शामिल हैं। नीरज के साथ अन्य आरोपी कल्लू, जय निषाद, संतकुमार, और कर्मवीर भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं।

इस घटना ने एक बार फिर से समाज में सुरक्षा और नैतिकता के मुद्दों को उजागर कर दिया है। यदि समय पर सहायता मिल जाती तो इस जघन्य अपराध को रोका जा सकता था।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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