Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 2:15 pm

लेटेस्ट न्यूज़

शादी से श्मशान की दूरी……33 मिनट में बिछा दी लाशें और किया 44 किमी का सफर, रौंगटे खड़े हो जाते हैं… 

12 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उसने सिर्फ एक ही हत्या करनी थी, लेकिन जब उसकी मां ने उसे देख लिया तो उसे दो लोगों की हत्या करनी पड़ी। दो लोगों की हत्या करने के बाद हत्यारे ने सोचा कि जब दो को मार दिया है तो बाकी को भी मार ही देना चाहिए। इसके बाद, उस हत्यारे ने एक-एक करके उस घर के कुल 6 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। इस हत्याकांड के दौरान उसने गोली चलाई, जो दो लोगों को लगी। इस एक गोली ने पुलिस को हत्यारे तक पहुंचा दिया। आइए जानते हैं सीतापुर सामूहिक हत्याकांड का खौफनाक सच।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर के छोटे से गांव पाल्हापुर में 11 और 12 मई की रात को मौत का तांडव हुआ। इस रात एक ही परिवार के छह लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतकों में घर का मुखिया, उसकी पत्नी, मां और तीन छोटे बच्चे शामिल थे।

घटना की शुरुआत

पुलिस जांच में पता चला कि हत्यारा केवल एक हत्या करना चाहता था, लेकिन जब उसने पहली हत्या की, तो घर में सो रहे दूसरे व्यक्ति की नींद खुल गई। इसलिए उसे दूसरे व्यक्ति को भी मारना पड़ा। जब उसने दो लोगों को मार दिया, तो उसने सोचा कि तीसरे को क्यों छोड़ा जाए? इसके बाद उसने तीसरी हत्या भी कर दी। इस दौरान 12 साल की बच्ची जाग गई और उसने अपनी मां, दादी और पिता को मरते हुए देखा। उसने हत्यारे का चेहरा भी पहचान लिया। 

हत्यारे की निर्ममता

हत्यारे ने सबूत मिटाने के लिए बच्ची पर भी गोली चला दी और उसकी जान ले ली। इसके बाद, उसने सोचा कि जब एक बच्चे को मार दिया है, तो बाकी दो बच्चों को क्यों छोड़ा जाए? फिर उसने दोनों बच्चों के सिर पर हथौड़े से वार किया और उन्हें छत से नीचे फेंक दिया। 

पुलिस जांच और संयोग

इस हत्याकांड का खुलासा एक ऐसी गोली से हुआ, जो हत्यारे ने चलाई थी और उसका निशाना किसी और को था। गोली अपने निशाने पर लगने के बाद दूसरे व्यक्ति के शरीर में जा घुसी। पुलिस ने पहले इस घटना को ‘मास मर्डर कम सुसाइड’ यानी सामूहिक हत्या के बाद आत्महत्या कहा था। परिवार के एकमात्र जीवित सदस्य भाई अजीत सिंह ने अपने भाई अनुराग सिंह पर पत्नी, बच्चों और मां की हत्या करने और खुद को भी गोली मारने का आरोप लगाया था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि अनुराग सिंह के सिर में एक नहीं बल्कि दो गोलियां लगी थीं। इससे यह साबित हो गया कि अनुराग खुद एक हत्यारे का शिकार था। कोई भी व्यक्ति अपने सिर में एक-एक करके दो गोलियां नहीं मार सकता। 

हत्यारे का पर्दाफाश

अनुराग का भाई अजीत ही हत्यारा निकला। उसने अपने पूरे परिवार को मारने के बाद इसे अपने भाई की करतूत दिखाना चाहा। उसने अनुराग की 12 साल की बेटी को मारने के लिए उसके सिर में गोली मारी, लेकिन गोली उसके गले के पार हो गई और अनुराग के सिर में लगी। पोस्टमार्टम के दौरान यह बात सामने आई। 

इस हत्याकांड का खुलासा एक गोली ने किया। पुलिस जांच में साफ हो गया कि अनुराग और उसके परिवार की हत्या उसके भाई अजीत ने की थी। अब अजीत पुलिस की गिरफ्त में है और उसे उसके जघन्य अपराध की सजा मिलेगी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़