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November 23, 2024 6:32 am

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शोर मचा रखी है नेताओं की बयानबाजी : अखिलेश और केशव में तीखी नोकझोंक पढिए 👇

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अनिल अनूप की खास रिपोर्ट

अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार कमजोर हो गई है। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, “सपा बहादुर अखिलेश यादव जी, भाजपा का देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है। 

सपा का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) धोखा है। यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 की जीत को दोहराएगी।”

बुधवार सुबह ही ‘ऑफिस ऑफ केशव प्रसाद मौर्य’ हैंडल से एक पोस्ट में लिखा गया था, “संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है।”

इसके अलावा, केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी। इसी मुलाकात के बाद अखिलेश यादव का ट्वीट आया था। 

अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “बीजेपी में कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है।”

अखिलेश यादव के मुताबिक, “तोड़-फोड़ की राजनीति का जो काम बीजेपी दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है। इसीलिए बीजेपी अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धँसती जा रही है। जनता के बारे में सोचने वाला बीजेपी में कोई नहीं है।”

अखिलेश के बयान और केशव प्रसाद मौर्य के जवाब से स्पष्ट है कि दोनों दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दोनों नेता अपने-अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अपनी-अपनी पार्टी की स्थिति को मजबूत बताने का प्रयास कर रहे हैं।

जानते हैं अखिलेश ने कहा क्या

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को राज्य की बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई फैसलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार जो फैसले ले रही है, ये सभी जल्दबाजी में किए जा रहे हैं। शिक्षकों को परेशान करने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि अब डिजिटल अटेंडेंस ली जाएगी। समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध भी किया है।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि ये फैसला स्थगित नहीं होना चाहिए। स्थगित का मतलब है कि सरकार कभी भी इसे लागू कर सकती है। यह फैसला तभी निरस्त होना चाहिए जब हमारे शिक्षकों की असली मदद होगी।”

कुछ दिनों पहले, लखनऊ के अकबरनगर में प्रशासन ने अवैध निर्माण गिराए जाने का काम शुरू किया था। इसके बाद पंत नगर में भी अवैध निर्माण को गिराने का फैसला सरकार ने किया था। हालांकि, योगी सरकार ने बाद में यह फैसला वापस ले लिया।

लखनऊ में घरों के ध्वस्तीकरण के फैसले पर अखिलेश यादव ने कहा, “यह सरकार कमजोर पड़ गई है, तभी ध्वस्तीकरण का फैसला भी टाल दिया गया है। लेकिन इसे भी पूरी तरह खत्म नहीं किया गया है। हम प्रदेश की जनता को सावधान करना चाहते हैं कि बीजेपी के लोगों ने आपसी और कुर्सी की लड़ाई में पूरे प्रशासन को खत्म कर दिया है।”

अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, “इन्हीं के विधायक और लोग आरोप लगा रहे हैं कि भ्रष्टाचार चल रहा है। हम लोगों ने अखबारों में पढ़ा है कि मुख्यमंत्री खुद स्वीकार कर रहे हैं कि बड़े पैमाने पर दलाली चल रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद स्वीकार करते हों कि दलाली चल रही है और अखबारों में बड़ा-बड़ा छपा हो कि दलाली हो रही है, तो जनता खुद जानती है कि कितनी दलाली हो रही है।”

अखिलेश यादव के इन बयानों से यह साफ है कि वे योगी सरकार के फैसलों और प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं और राज्य में चल रही स्थिति पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट कर रहे हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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