चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अवध शिल्प ग्राम में आयोजित आम महोत्सव 2024 का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 वर्षों से उत्तर प्रदेश सरकार आम महोत्सव आयोजित कर रही है। सीएम ने कहा कि यूपी इस साल जापान और मलेशिया को 40 टन आम निर्यात करेगा।
160 वर्ष के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि लखनऊ का दशहरी अमेरिका को निर्यात किया जा रहा है। भारत में दशहरी का दाम 60 से 100 रुपए के बीच है, लेकिन यही दशहरी जब अमेरिका के माकेर्ट में पहुंचा तो इसका दाम 900 रुपए किलो हो गया है। यानी अगर हम ड्यूटी टैक्स, कार्गो और एयर फेयर का दाम भी जोड़ लें तो एक किलो आम अमेरिका भेजने की लागत 250-300 रुपए तक आ रही होगी, तब भी एक किसान एवं बागवान को एक किलो आम पर 600 रुपए की बचत होगी।
‘दुनिया की मार्केट में पहुंचने का प्रयास कर रही सरकार’
सीएम योगी ने कहा कि इस आयोजन में सरकार अपने प्रगतिशील किसानों और बागवानों को सम्मानित करती है। उत्तर प्रदेश के उत्पादित आम को हम न केवल देश में बल्कि दुनिया की मार्केट में पहुंच सके इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। आप सभी जानते हैं कि हमारी सामान्य भाषा में जिस फल का नाम आम होता है उस फल में प्रत्येक नागरिक की पहुंच का सहज अनुमान लगाया जा सकता है, वह आम है इसलिए सबके लिए सुलभ भी है और सबके लिए सरल भी है और सबके लिए उपयोगी भी है। अत: जो आम होगा, वहीं राजा भी होगा और इसलिए फलों के राजा के रूप में आम को हम सबने महत्व दिया है।
‘यूपी के बागवान 58 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन करते हैं’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बागवान केवल 3.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में 58 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन करते हैं। देश के कुल आम उत्पादन का 25 से 30 प्रतिशत आम उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश में होता है।
पिछले वर्ष उद्यान विभाग की टीम मास्को गई थी। इसमें लखनऊ और अमरोहा के किसान गए थे। वहां पर टीम ने आम महोत्सव का आयोजन किया था, जिसमें किसानों को ऑर्डर भी मिला था। हमारी सरकार ने भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश के किसानों के लिए सहारनपुर, अमरोहा, लखनऊ और वाराणसी में चार पैक हाउस बनाए हैं।
योगी ने कहा कि यूपी आम उत्पादन में देश में अग्रणी है लेकिन अब हमें बढ़ती हुई आबादी के अनुरूप क्वांटिटी और क्वालिटी दोनों को बनाए रखने के लिए लगातार काम करना होगा।
दुनिया के माकेर्ट में उत्तर प्रदेश का आम छा जाए इसके लिए हमें इस प्रकार के महोत्सव के माध्यम से जो जानकारी मिले उसको हमें अपने यहां प्रारंभ करना पड़ेगा। आम की कहां से निर्यात करने की संभावनाएं बन सकती हैं और किन-किन देशों के लिए बन सकती है, हमें उन देशों तक अपनी पहुंच को बनाना ही पड़ेगा।
Author: samachar
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