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November 22, 2024 10:58 am

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संदिग्ध परिस्थिति में सभासद पति की मृत्यु : उपेंद्र सिंह के निधन के बाद अफवाहों में बढ़त

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अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट

देवरिया। गौरीबाजार थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बरारी गांधीनगर के सभासद पति उपेंद्र सिंह (35) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उपेंद्र की तबीयत खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए लखनऊ ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। लोगों के बीच चर्चा है कि उपेंद्र प्रॉपर्टी का काम करते थे और उन्होंने बाजार के कई लोगों से करोड़ों रुपये का कर्ज लिया हुआ था। 

इस घटना के बाद परिजनों और पूरे बैतालपुर नगर क्षेत्र में अफवाहों का बाजार गर्म है। सोशल मीडिया पर उपेंद्र की इलाज के दौरान की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें दावा किया गया है कि उन्हें दावत के बहाने बुलाकर जहर दिया गया था। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।

बताया जा रहा है कि गांधीनगर वार्ड संख्या-13 की सभासद संगीता देवी के पति उपेंद्र सिंह की तबीयत 2 जुलाई की रात बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां से उन्हें गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में इलाज के बावजूद हालत में सुधार न होने पर परिजनों ने उन्हें गोरखपुर के गोरखनाथ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां करीब पांच दिन इलाज के बाद भी स्थिति में सुधार न होने पर परिजन उन्हें एंबुलेंस से लखनऊ के पीजीआई ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उनकी मौत हो गई।

उपेंद्र सिंह के निधन के बाद बैतालपुर नगर क्षेत्र में अफवाहों का बाजार गर्म है। लोगों का कहना है कि उन्हें दावत के बहाने बुलाकर जहर दिया गया था। सोशल मीडिया पर भी इस संबंध में तस्वीरें और सूचनाएं वायरल हो रही हैं, लेकिन कोई भी इस बात की पुष्टि नहीं कर पा रहा है। परिजनों की तरफ से अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है।

उपेंद्र सिंह पर करोड़ों रुपये का कर्ज था। एक सामान्य परिवार में जन्मे किसान हरेराम सिंह के पुत्र उपेंद्र ने होश संभालते ही कुछ बड़ा करने का सपना देखा। पैतृक जमीन पर बिल्डिंग मटेरियल की दुकान खोलने के बाद उन्होंने प्रॉपर्टी डीलर के रूप में काम शुरू किया। उपेंद्र ने स्थानीय व्यापारियों और गांव के निकट के पारिवारिक लोगों से करोड़ों रुपये का कर्ज लिया। इस कर्ज के पैसों से उन्होंने करीब एक करोड़ रुपये का दो मंजिला मकान खरीदा और अन्य जमीनों में निवेश किया। लेकिन समय के साथ आर्थिक दबाव बढ़ता गया और लोग अपने पैसे मांगने लगे। उपेंद्र ने लोगों से वादा किया था कि वह फोर लेन की सड़क में अधिग्रहीत होने वाली पैतृक जमीन से मिलने वाले मुआवजे से कर्ज चुकाएंगे। 

उपेंद्र सिंह की पत्नी संगीता वर्ष 2023 में सभासद निर्वाचित हुईं। कोरोना महामारी के कारण जमीन का कारोबार मंदा हो गया और बिल्डिंग मटेरियल की दुकान भी घाटे में चलने लगी। आर्थिक दबाव और देनदारियों के कारण उपेंद्र तनाव में रहने लगे। बताया जा रहा है कि 2 जुलाई की रात किसी दावत से लौटने के बाद फूड पॉइजनिंग के चलते उनकी तबीयत खराब हुई थी।

पुलिस निरीक्षक दिनेश कुमार मिश्र ने बताया कि अभी तक इस संबंध में कोई तहरीर नहीं मिली है। यदि कोई सूचना या तहरीर मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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