जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
मऊ। ग्रामीण इलाकों को शहरों से जोड़ने वाली सड़कों का हाल बेहाल है। सलाहाबाद मोड़ से इटौरा जाने वाली सड़क बड़े जोर शोर से बहुत दिनों बाद बनी थी।
इस सड़क को बनाने के लिए एफडीआर तकनीकी का इस्तेमाल किया गया। बताया गया कि इस तकनीकी से बनने वाली सड़कें 10 साल तक खराब नहीं होती। परंतु बनने के दो महीने बाद ही ये सड़क धंस गई है।
हरपुर के पास धंसी इस सड़क पर अब मिट्टी डाल कर इसे ढकने का प्रयास किया जा रहा। वहीं कई जगह आरसीसी ढलाई भी टूट रही है।
आपको बता दें कि यह रोड सरसेना तक बनने के लिए प्रस्तावित थी, परंतु इटौरा तक बनाने के बाद इसका अधूरा काम रोक दिया गया है।
आरसीसी ढलाई के बाद भी टूटने लगी
जलभराव सड़क को टूटने से बचाने के लिए आबादी वाले इलाकों में इसे आरसीसी की ढलाई करके बनाया गया, परंतु आलम यह है कि ये आरसीसी भी जगह जगह से टूट गई है,सड़क पर गिट्टियां बिखरी हुई हैं। इतना हल्ला होने के बाद भी ये सड़क एक बरसात भी झेल नहीं सकी।
वहीं घोसी सांसद राजीव राय ने कहा कि घटिया सड़क निर्माण की जांच की मांग करता हूँ। मैं लिखित आधार पर जांच कराऊंगा कैसे यह सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."