ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
हाथरस, उत्तर प्रदेश में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। यह कार्यक्रम भोले बाबा द्वारा आयोजित किया गया था, जो अपने प्रवचनों और सत्संगों के लिए प्रसिद्ध हैं। बाबा, जिन्हें ‘पटियाली के साकार विश्व हरि बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, अपनी पत्नी के साथ सत्संग कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उनके अनुयायी न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी फैले हुए हैं।
भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ का कारण भक्तों द्वारा उनके चरणों की धूल इकट्ठा करने की कोशिश में मची होड़ बताई जा रही है। यह कोई पहली बार नहीं है जब बाबा विवादों में घिरे हैं। मई 2022 में, जब कोविड महामारी के दौरान उन्होंने फर्रुखाबाद जिले में सत्संग आयोजित किया, तो इसमें केवल 50 लोगों की अनुमति थी, लेकिन वहां 50,000 से अधिक लोग इकट्ठा हो गए थे। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी थी।
बाबा के अनुयायी मीडिया और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं, लेकिन फिर भी उनकी बड़ी संख्या में अनुयायी हैं जो खुद को ‘बाबा की सेना’ कहते हैं। एक भक्त के अनुसार, बाबा का कोई धार्मिक गुरु नहीं था और सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद उन्हें देवता के ‘दर्शन’ हुए, जिसके बाद उनका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर हो गया। बाबा हर मंगलवार को सत्संग करते हैं और हाथरस से पहले उन्होंने मैनपुरी जिले में भी ऐसा ही आयोजन किया था। मैनपुरी में भी बाबा का एक आश्रम है।
इस घटना ने बाबा और उनके सत्संग आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और बाबा के अनुयायियों के लिए यह एक बड़ा सबक है कि ऐसे आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
Author: samachar
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