दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 60 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। इस हादसे की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने बताया कि इस हादसे में करीब 60 लोगों की मौत हुई है और 18 अन्य लोग घायल हुए हैं।
हाथरस के जिलाधिकारी (डीएम) आशीष कुमार ने भी इस दुर्घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि 50 से 60 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि मृतकों की सटीक संख्या का पता लगाना अभी संभव नहीं है।
डीएम आशीष कुमार ने बताया कि समागम के दौरान जब बहुत ज्यादा उमस हो गई, तो लोग वहां से बाहर निकलने लगे। इसी दौरान भगदड़ मच गई और यह हादसा हो गया। इस घटना की जांच के लिए उच्च अधिकारियों की एक जांच कमेटी बनाई गई है। इस आयोजन की अनुमति एसडीएम द्वारा दी गई थी और यह एक निजी आयोजन था। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी लगाई थी, जबकि आयोजन स्थल के भीतर की व्यवस्था आयोजकों के जिम्मे थी।
डीएम आशीष कुमार ने कहा कि फिलहाल प्रशासन का मुख्य ध्यान घायलों को जल्दी से जल्दी चिकित्सा सहायता प्रदान करने पर है। हादसे की असली वजह का पता जांच के बाद ही चल सकेगा, लेकिन प्राथमिकता यह है कि घायल लोगों का तुरंत इलाज हो सके और उन्हें राहत मिले।
मुख्यमंत्री योगी ने क्या कहा
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय (यूपी सीएमओ) ने हाथरस में हुए हादसे पर शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनका समुचित उपचार किया जाए और राहत कार्य में तेजी लाई जाए। मुख्यमंत्री ने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के भी निर्देश दिए हैं।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स हैंडल से जारी बयान में कहा, “जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए गए हैं।”
उन्होंने यह भी बताया, “उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी जी और संदीप सिंह जी घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संदीप सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “मुख्यमंत्री ने हमें हाथरस में घटनास्थल पर जाने और सरकार की तरफ से ज़रूरी फ़ैसले लेने का निर्देश दिया है। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।”
सिकंद्राराऊ ट्रॉमा सेंटर पर घायलों को पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय पत्रकार धर्मेंद्र चौधरी ने ट्रॉमा सेंटर से कुछ वीडियो भेजे हैं जिनमें परिजन आक्रोश जताते साफ़ देखे जा सकते हैं।
ट्रॉमा सेंटर पर मौजूद पीड़ितों के एक परिजन ने कहा, “इतना बड़ा हादसा हो गया है लेकिन एक भी सीनियर अधिकारी यहां मौजूद नहीं है। भोले बाबा को किसने यहां इतना बड़ा कार्यक्रम करने की परमिशन दी थी? प्रशासन कहां है?”
घायलों और मृतकों को ट्रॉमा सेंटर पर ट्रकों, टैंपो और एंबुलेंस में लाया गया। वीडियो में ट्रॉमा सेंटर के बाहर महिलाओं के शवों को फ़र्श पर लिटाए हुए देखा जा सकता है।
ट्रॉमा सेंटर के बाहर अफ़रातफ़री का माहौल है और लोग अपने प्रियजनों की तलाश में वहां पहुंच रहे हैं। पहले एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में 27 लोगों के मारे जाने की जानकारी दी थी।
उन्होंने पत्रकारों से कहा था, “एक दुखद घटना हुई है, हाथरस जनपद में सिकंद्राराऊ के पास मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा का कार्यक्रम चल रहा था, भगदड़ के कारण लोगों की मौतें हुई हैं। हमारे यहां एटा के अस्पताल में 27 शव आए हैं जिनमें 23 महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष का शव है। घायल अभी नहीं पहुंचे हैं।”
एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) उमेश कुमार त्रिपाठी ने भी मीडिया से बातचीत में बताया था कि, “अभी तक 27 शव पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचे हैं, जिनमें 25 महिलाएं और दो पुरुष हैं।
कई घायलों को भी भर्ती कराया गया है। जांच के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी।” उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक, धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ के कारण यह घटना घटी है।
Author: samachar
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