Explore

Search
Close this search box.

Search

23 February 2025 8:29 pm

लेटेस्ट न्यूज़

लव मैरिज, दो प्रेमी और एक कत्ल… उस रात की ये कहानी रुह कंपा देती हैं

49 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

इंद्रपाल और शशि की कहानी एक मासूम चेहरे और दिल को लूट लेने वाली अदाओं से शुरू हुई थी। इंद्रपाल ने पहली नजर में ही शशि के प्रति अपना दिल हार दिया था। शशि पहले से शादीशुदा और एक बच्चे की मां थी, लेकिन इंद्रपाल ने शशि को अपनी जीवनसाथी बनाने का फैसला किया और उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। 

इंद्रपाल और शशि की जिंदगी कुछ समय के लिए खुशियों से भरी रही। वे हरियाणा के सिरसा से राजस्थान के भिवाड़ी में आकर रहने लगे। यहां इंद्रपाल को एक काम मिल गया और शशि ने भी एक कंपनी में गार्ड की नौकरी शुरू कर दी। दोनों का एक बेटा भी हुआ और जिंदगी सामान्य रूप से चल रही थी।

29 जून की सुबह, राजस्थान के शेखुपुर पुलिस को खबर मिली कि थाने से दो किलोमीटर की दूरी पर एक खून से लथपथ लाश पड़ी है। मौके पर पहुंचने के बाद, पुलिस को एक मोटरसाइकिल और मोबाइल मिला। जांच करने पर पता चला कि यह लाश इंद्रपाल की थी, जिसकी हत्या गला रेतकर की गई थी। 

इंद्रपाल के पड़ोसियों ने बताया कि उसका किसी से कोई विवाद नहीं था, लेकिन उसके घर पर कई लोगों का आना-जाना था। जांच में दो नाम सामने आए – बालकांत और कुलदीप, जो उसी सोसाइटी में इंद्रपाल के ऊपर के फ्लैट में रहते थे। पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने हत्या की बात कबूल की और एक चौंकाने वाली कहानी सुनाई। 

इंद्रपाल की हत्या की साजिश उसकी पत्नी शशि ने रची थी, जिसे इंद्रपाल अपनी जान से ज्यादा प्यार करता था। शशि के बालकांत और कुलदीप से संबंध थे और इंद्रपाल के विरोध करने पर उसने अपने प्रेमियों के साथ मिलकर इंद्रपाल को हटाने का प्लान बना लिया। 

बालकांत और कुलदीप ने शशि को एक दूसरी सोसाइटी में किराए पर फ्लैट दिलाया और वह अपने बच्चों के साथ वहां चली गई। 28 जून को जब इंद्रपाल घर लौटा तो शशि वहां नहीं थी। कुलदीप और बालकांत ने उसे तिजारा में एक बाबा से मिलवाने के बहाने सुनसान जगह ले जाकर गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। 

पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए शशि और उसके दोनों प्रेमियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस तरह इंद्रपाल, जिसने शशि को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार किया, उसी की साजिश का शिकार हो गया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़