संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट. आदर्श नहर परियोजना अन्तर्गत कराए जा रहे नहरों के मरम्मतीकरण व विस्तारी करण कार्यों में जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी ख़ूब देखने को मिल रही है जहां पर गरीब लोगों को क्षति पहुंचाने का काम किया जा रहा है वहीं पैसे, पावर व रसूखदार लोगों पर जिम्मेदार अधिकारियों की मेहरबानी ख़ूब बरस रही है जिसके कारण नहरों का सही तरीके से सीमांकन नहीं हो पा रहा है l
मामला है गुंता मुख्य नहर से निकलने वाले नहर में रामनगर खजुरिहा खुर्द से देवहटा गोबरौल तक जाने वाली नहर के सीमांकन विस्तार का l
मानिकपुर तहसील के रैपुरा गांव स्थित गुंता बांध से निकलने वाली मुख्य नहर के सीमांकन व विस्तारीकरण में जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी ख़ूब देखने को मिल रही है जहां पर सहायक अभियंता व अवर अभियंता की मनमानी के चलते नहरों का सही तरीके से सीमांकन व विस्तारीकरण का कार्य नहीं कराया जा रहा है l
नहरों के नवीनीकरण व विस्तारीकरण के लिए सरकार द्वारा करोड़ों की धनराशि दी गई है जिससे नहरों का पुनः जीर्णोद्धार हो सके लेकिन जिम्मेदारों द्वारा नहरों के नवीनीकरण में बड़ा खेल किया जा रहा है इस नहर के दोनों तरफ पंद्रह पंद्रह मीटर का सीमांकन क्षेत्र है लेकिन जिम्मेदारों द्वारा नहर की ज़मीन ख़ाली नहीं कराई जा रही है l
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रामनगर खजुरिहा खुर्द संपर्क मार्ग के पास से गुंता मुख्य नहर से देवहटा गोबरौल तक जानी वाली नहर के सीमांकन व विस्तारीकरण में सहायक अभियंता व अवर अभियंताओ की मनमानी ख़ूब देखने को मिल रही है l
इस नहर के सीमांकन व विस्तारीकरण के नाम पर देवहटा गोबरौल निवासी गरीब महिला चेतना पत्नी लालजी मिश्रा ने बताया कि हमारे गांव को जाने वाली नहर में सीमांकन विस्तार का कार्य व नवीनी करण का कार्य कराया जा रहा है जिसमें सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा मेरे घर पर नवनिर्मित शौचालय को गिराने का काम किया गया है पीड़िता चेतना ने बताया कि जब मेरे द्वारा शौचालय गिराने का विरोध किया गया तो यह अधिकारी अभद्रता पर उतर आए और जेल भेजने की धमकी देने लगे पीड़िता ने यह भी बताया कि जब यह लोग मेरा निर्माणाधीन शौचालय जेसीबी मशीन से गिरा रहे थे तो मेरे घर पर कोई नहीं था लेकिन इन लोगों द्वारा मेरी एक भी नहीं सुनी गई l
वहीं पीड़ित लालजी मिश्रा ने बताया कि इस नहर के सीमांकन में अतुल कुमार मिश्रा पुत्र द्वारिका प्रसाद मिश्रा निवासी देवहटा का घर आ रहा है वहीं उमाशंकर त्रिपाठी का बोर भी पड़ रहा है लेकिन उनको नहीं गिराया गया और न ही इनके सामने लगी तार फिंसिंग को हटाया गया वहीं नहर में देवहटा गोबरौल संपर्क मार्ग में पुलिया के पास उमाशंकर त्रिपाठी द्वारा मन्दिर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है इस मन्दिर में नहर की ज़मीन भी आ रही है लेकिन सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई है l
वहीं पीड़ित लालजी मिश्रा ने बताया कि हम गरीब लोग हैं जिसके कारण हमारा निर्माणधीन शौचालय गिरा दिया गया है लेकिन अतुल कुमार मिश्रा व उमाशंकर त्रिपाठी पैसे, पावर व रसूखदार लोग हैं जिसके कारण इनके ऊपर जिम्मेदार अधिकारी मेहरबान नज़र आ रहे हैं वहीं पीड़ित ने आरोप लगाया है कि सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अतुल कुमार मिश्रा के घर पर लगभग डेढ़ घंटे बैठे हुए थे जहां पर अधिकारियों द्वारा अतुल कुमार मिश्रा से मोटी रकम लेकर मामले को रफा दफा करने का काम किया है जिसके कारण अतुल कुमार मिश्रा के घर को नहीं तोड़वाया गया है जबकि अतुल कुमार मिश्रा का सीमांकन क्षेत्र में आ रहा है l
सिंचाई निर्माण खण्ड द्वारा कराए जा रहे इस नहर के सीमांकन, विस्तारीकरण व नवीनीकरण का कार्य सहायक अभियंता तृतीय देवी प्रसाद मिश्र देख रहे हैं जो नहर के सीमांकन विस्तार व नवीनीकरण में बड़ा खेल करते हुए नज़र आ रहे हैं इस संबंध में जब सहायक अभियंता देवी प्रसाद मिश्र से फ़ोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति का शौचालय गिरवा दिया गया है उसका शौचालय निर्माण हम जल्द ही करवा देंगे जब हमारे द्वारा यह जानकारी प्राप्त की गई कि एक गरीब व्यक्ति का निर्माणाधीन शौचालय को जेसीबी मशीन से गिरवा दिया गया है और सीमांकन क्षेत्र में आने वाले अतुल कुमार मिश्रा का घर व उमाशंकर त्रिपाठी के बोर के सामने लगी तार फिंसिंग को नहीं हटवाया गया है और न ही सीमांकन क्षेत्र में निर्माणाधीन मंदिर के पास भी सीमांकन पिलर नहीं गड़वाए गए हैं तो सहायक अभियंता ने गैर जिम्मेदाराना बात करते हुए कहा कि आप लोग मामले को ज्यादा तूल न दो नहीं तो नहर का कार्य बंद हो जायेगा हमें कुछ दिनों का समय दो शौचालय का निर्माण फिर करवा दिया जायेगा l
सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराने के करोड़ों रुपए की धनराशि देकर नहरों का नवीनीकरण/मरम्मतीकरण, सीमांकन विस्तारीकरण करवा रही है जिससे नहरों की जमीनें कब्जा मुक्त हो सके लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी के चलते नहरों के सीमांकन विस्तार व नवीनीकरण कार्य सही तरीके से नहीं हो पा रहे हैं व नहरों की जमीनों पर अवैध कब्जाधारक अपनी मनमानी करते हुए नज़र आ रहे हैं वहीं जिम्मेदार अधिकारी इन कब्जा धारकों से मोटी रकम वसूल कर मामले को रफा दफा करने में जुटे हुए हैं l
अब देखना यह है कि ज़िला प्रशासन नहरों के सीमांकन विस्तार व नवीनीकरण कार्य में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की जा रही मनमानी की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा या फिर यह जिम्मेदार अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए नहरों के सीमांकन विस्तार व नवीनीकरण में ऐसे ही भ्रष्टाचारी खेल खेलते रहेगें l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."