दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
स्वामी सचिदानंद हरि, जिन्हें साक्षी महाराज के नाम से जाना जाता है, एटा के रहने वाले हैं और उनके अनुयायियों की बड़ी संख्या है। पूरे प्रदेश में उनके स्कूलों और आश्रमों का व्यापक नेटवर्क है, और वे अपने शिष्यों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
साक्षी महाराज ने 1990 के दशक में भाजपा के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और दो बार फर्रुखाबाद से लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और फिर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी का हिस्सा बने।
साक्षी महाराज के विवादित बयानों की सूची लंबी है। उन्होंने मदरसों में आतंकवाद और नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने जैसे बयान देकर चर्चा बटोरी थी। इसके अलावा, उन्होंने हिंदुओं से जनसंख्या बढ़ाने के लिए चार संतान पैदा करने की बात भी कही थी।
अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले उन्नाव से सांसद और भाजपा उम्मीदवार साक्षी महाराज पर 34 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने एक चुनावी सभा में शास्त्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि वह संत हैं। उन्होंने कहा कि जो उन्हें वोट नहीं देगा, यह उन सभी के लिए अभिशाप होगा।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव की एक चुनावी सभा में उन्होंने कहा, ‘एक संत आपके दरवाजे पर आया हैं। जब कोई संत भीख मांगने आता है और उसे वह चीज नहीं दी जाती है तो वह परिवार की सारी खुशियां छीन लेता है और बदले में परिवार को कोसता है।‘ उन्होंने कहा, ‘यह मैं नहीं कह रहा हूं, बल्कि मैं पवित्र ग्रंथों से उद्धृत कर रहा हूं। मैं पैसे या जमीन नहीं मांग रहा हूं। जो लोग मुझे वोट नहीं देंगे, उन्हें दैवीय नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।‘ उनके इस भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद उन पर आचार संहिता उल्लंघन का एक और मुकदमा दर्ज किया गया है।
हलफनामे में कई मामलों का हवाला
उनके नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे पर एक नजर डालें तो उनकी छवि संत की कम और अपराधी की अधिक दिखती है। उनके खुद के दिए गए हलफनामे में उन पर दुश्मनी को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी, डकैती, डकैती, हत्या, जालसाजी, धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के चार मामले हैं। हालांकि उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। आठ मामलों में उन पर संज्ञान लिया गया है। ये मामले उत्तर प्रदेश के फैजाबाद, एटा और दिल्ली में दर्ज हैं।
बलात्कार के लगे हैं आरोप
साल 2000 में, एटा में एक कॉलेज के प्राचार्य ने उनके खिलाफ एक पुलिस शिकायत दर्ज की थी जिसमें भाजपा सांसद और उनके दो भतीजों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। तब साक्षी महाराज बलात्कार के आरोप में एक महीना तिहाड़ जेल में रहे लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
दस साल पहले फर्रुखाबाद में उनके खिलाफ मैनपुरी की रहने वाली आश्रम की एक शिष्या ने एक और बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। जब मामला अदालत में पहुंचा तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की कि कोई बलात्कार नहीं हुआ था।
Author: samachar
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