Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 6:10 am

लेटेस्ट न्यूज़

बड़ी अकीदत के साथ अदा की गई ईद उल अजहा ( बकरीद) की नमाज

46 पाठकों ने अब तक पढा

इरफान अली लारी की रिपोर्ट

देवरिया, जमाा मस्जिद भाटपार रानी में बड़ी ही अकिदत के साथ आज सुबह 7:00 जमाा मस्जिद भाटपार रानी के हाफिज, कैफ कादरी के साथ ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई। 

नमाज से पहले जमा मस्जिद के हाफिज कैफ कादरी ने ईद अल- अजहा जिसको लोग बकरा ईद भी कहते हैं, कुर्बानी भी कहते हैं, इसकी फजीलत के बारे में बताये कि इसकी बहुत बड़ा महत्व है। अल्लाह तबारक व ताला अपने हबीब अपने खलील अपने चाहने वाले का हर समय इम्तिहान लिया करता हैं। ऐसे ही इम्तिहान अपने चाहने वाले हबीब इब्राहिम से लिया। अल्लाह  तबारक व ताला इब्राहिम को आजमाया बार-बार आज माया कि वह अपने रब को चाहते हैं कि नहीं, प्यार करते हैं कि नहीं। 

70 साल बाद इब्राहिम अली सलाम को अल्लाह तबारक व ताला ने एक औलाद दिया। औलाद देने के बाद कुछ दिनों दरमियां अपने हबीब अपने नबी इब्राहिम को ख्वाब दिखाए की अगर तुम मुझ से मोहब्बत करते हो तो तुम्हारे नजर में जो सबसे अजीब चीज तुम्हारा हो उसे मेरी राह में कुर्बान कर दो। बेशक आप जानते हैं कि इंसान के लिए तीन चीज बहुत ही प्यारा होता है खुद से कमाया हुआ दौलत,, औलाद और खुद की जान, लेकिन अल्लाह का नेक बंदा अल्लाह का अजीज अल्लाह का नबी इब्राहिम अली सलाम ने ख्वाब में देखा की मेरा रबअल्लाह तबारक व ताला ने यह हमको दिखाया कि तुम मेरे लिए अपने लड़के को कुर्बान कर दो। 

बस इतना ही था कि इब्राहिम अली सलाम ने अपनी बीवी से बोले की मेरे बच्चे इस्माइल अली को तैयार कर दीजिए। इसको मेरे साथ दावत में जाना है और इब्राहिम अली सलाम ने अपने बेटे स्माइल अली सलाम को एक सुनसान जंगल में ले गए और अपनी बेटा  को लिटा दिए और अल्लाह तबारक व ताला की दिखाएं हुए ख्वाब के मुताबिक अपने बच्चें को जबह करने लगे। तभी अल्लाह तबारक व ताला का हुक्म हुआ जिब्रील,,, कहां हो तुम देखो हमसे हमारा हबीब कितना प्यार करता है वह माननेे वाला नहीं है जल्दी जन्नती दुम्मा ले जाओ और इस्माइल अली सलाम को वहां से हटाओ और इब्राहिम अली सलाम के पास लेटा दो। इस लिये  अल्लाह के वास्ते अल्लाह को खुश रखने  के लिए अपनी गुनाहों को माफ कराने के लिए हर साहेब निषाद जो अपने घर का मालिक हो अपने नाम से कुर्बानी कराऐ और अपने गुनाहों को अल्लाह तबारक व ताला से माफ करें माफ कराए। इसीलिए अल्लाह तबारक व ताला हर इंसान पर कुर्बानी फर्ज बताया है। 

कुर्बानी हर साहेब जिसकी औकात ₹50000 रखने  के लायक है वह अल्लाह की राह में एक जानवर पाल कर कुर्बानी बकरा ईद ईद उल अजहा के दिन जरूर कुर्बानी करें और अल्लाह तबारक व, ताला को खुश रखेअपने नबी को खुश रखें यह है ईद उल अजहा का  इसी के साथ दुआओं में मांगा गया मुल्क की हिफाजत। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़