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November 2, 2024 6:03 am

माँ ने एक थप्पड़ ही तो लगाया कि, मानसी नदी में कूद गई, उसे बचाने कूदा युवक मौत के मुंह में और मानसी बाल बाल….

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में नदी में कूदी किशोरी को बचाने कूदे युवक की मौत हो गई। दरअसल, मां की डांट से नाराज होकर जान से देने घर से निकली किशोरी ने मंगलवार रात करीब डेढ़ बजे पक्का पुल से नदी में छलांग लगा दी थी। किशोरी को बचाने गोमती में उतरा युवक गहराई में समा गया। चौंकाने वाली बात तो ये है कि किशोरी पानी पर सीधे लेटी थी, लाश समझकर गोताखोर ने उसे जैसे ही पकड़ा। वह चीखने लगी। उसे नदी से बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसकी हालत खतरे से बाहर है। उधर, पुलिस ने युवक के शव को बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वहीं, किशोरी के आराम से पानी पर लेटे वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

दुबग्गा के फरीदीपुर निवासी संजय निगम एक गैस एजेंसी में काम करते हैं। उनकी बेटी मानसी निगम (16) चौक स्थित एक स्कूल में इंटर की छात्रा है। संजय ने पुलिस को बताया कि मंगलवार रात पढ़ाई न करने और लगातार फोन चलाने की बात पर मां सुषमा ने मानसी को फटकार दिया। मानसी ने पलट कर जवाब दिया तो सुषमा ने दो थप्पड़ मार दिए। इससे नाराज मानसी रात करीब साढ़े 12 बजे साइकल लेकर घर से निकल गई। रात करीब डेढ़ बजे वह पक्का पुल पर पहुंची और साइकल खड़ी कर नदी में कूद गई। इस दौरान वहां मौजूद खदरा निवासी मो. शादाब मानसी को बचाने साजिया घाट से नदी में उतर गया। तैरते हुए थोड़ा दूर जाने पर शादाब थक गया, लेकिन वापस आते समय वह नदी की गहराई में समा गया।

बिना हलचल के पानी पर सीधा लेटी थी मानसी

किशोरी के नदी में कूदने की जानकारी पाकर मदेयगंज थाने से नाइट अफसर एसआई प्रदीप सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। जानकारी पाकर पड़ोस में रहने वाले गोताखोर राम लखन, चंदू कश्यप, राज और जैकी भी पहुंच गए। गोताखोरों ने टॉर्च मारी तो मानसी बिना हलचल के पानी पर लेटी दिखाई दी। उसे लाश समझ कर नदी में उतरे रामलखन ने जैसे ही पैर पकड़ा मानसी चीखने लगी। इसके बाद जैकी की मदद से पैर से खींचकर उसे बाहर निकाला गया। गोताखोरों का कहना है कि मानसी प्लाजो और टी-शर्ट पहने थी। ऐसे में उसके कपड़ों में हवा भर गई, जिसकी मदद से बिना हलचल के वह पानी पर लेटी रही। बुधवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया।

खतरे से बाहर है मानसी की हालत

मानसी के ढूंढते हुए परिवारीजन भी देर रात पक्का पुल पहुंच गए। नदी से निकलने के बाद बेसुध होकर मानसी बेहोश हो गई। आनन-फानन में उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया। तड़के सुबह उसे बलरामपुर रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है।

चार बहनों में अकेला था शादाब

मदेयगंज थाने के पीछे रहने वाले शादाब के पिता का देहांत हो चुका है। परिवार में मां शहाना, बहन शबा, मोनी, सोनी और नगमा हैं। नगमा के अलावा सभी बहनों की शादी हो चुकी है। मर्च्युरी पहुंचे डालीगंज निवासी शबा के पति शारिफ ने बताया कि घर का खर्च का जिम्मा शादाब के कंधों पर था। वह ई-रिक्शा चलाकर किसी तरह परिवार का गुजारा करता था। बहन नगमा भी प्राइवेट जॉब करती थी। शादाब की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। मां शहाना और सभी बहनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

डेढ़ साल पहले लौटा था दुबई से

पुलिस के मुताबिक, शादाब दुबई में ड्राइविंग करता था। डेढ़ वर्ष पहले ही वह दुबई से लौटा था। पुलिस का कहना है कि वह रात में ई-रिक्शा लेकर उधर से गुजर रहा था। किशोरी को नदी में कूदते देख वह रुका और नीचे जाकर खुद की परवाह किए बिना नदी में कूद गया था। इंस्पेक्टर मदेयगंज राजेश सिंह का कहना है कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल परिवारीजनों ने किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."