दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से उन सभी लोगों को जवाब दिया जो अयोध्या में बीजेपी की हार के बाद शहर को लेकर नकारात्मक टिप्पणियाँ कर रहे थे। राजू दास ने अपने पोस्ट में स्पष्ट किया कि अयोध्या में घरों को तोड़ने जैसी कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने उन अफवाहों को निराधार बताया जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही थीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के लोग बीजेपी की हार के बाद भी शहर की गरिमा और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए हुए हैं और किसी भी तरह की हिंसा या संपत्ति नष्ट करने जैसी बातें बिल्कुल गलत हैं।
राजू दास ने अपील की कि सभी लोग शांत रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने अयोध्या के लोगों की प्रतिष्ठा और शहर की शांति को बनाए रखने का आग्रह किया। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी को भी जवाब दिया जो अयोध्या के निवासियों को ताने मार रहे थे, और कहा कि यह समय एक दूसरे को नीचा दिखाने का नहीं, बल्कि साथ मिलकर चलने का है।
पुजारी राजू दास के मंगलवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएं आईं। राजू दास ने पोस्ट में लिखा था कि “यदि अयोध्या में मस्जिद ही बन जाती तो घर तोड़ने की जरूरत नहीं आती, तुम स्वयं ही घर खाली करके भाग लेते।” इस बयान पर विभिन्न तरह के कमेंट्स देखने को मिले।
अनुराग राव नामक यूजर ने राजू दास के बयान की समर्थन में टिप्पणी करते हुए लिखा, “हाहा ये भी सही कहा महराज जी ने।” वहीं, हरीश मीणा ने इसकी आलोचना करते हुए लिखा, “तुम्हारे जैसे नफरती तत्व जब तक रहेंगे भारत के लोग आपस में ही लड़ते रहेंगे।”
इसके अलावा, आदित्य कुमार नामक यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें अयोध्या से चुने गए सपा सांसद अवधेश प्रसाद एक चैनल को इंटरव्यू देते समय “जय सियाराम” नहीं बोल रहे थे। आदित्य कुमार ने इसके साथ लिखा, “अयोध्या के सपा सांसद तो अपने घमंड में अभिवादन में जय श्री राम तक नहीं बोलें और ऐसे लोगों को अयोध्या का सांसद बना दिया जनता ने।”
इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि राजू दास के बयान ने सोशल मीडिया पर विभाजनकारी भावनाओं को उभारा है। जहां कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं अन्य लोग इसे नफरत फैलाने वाला और विभाजनकारी मान रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। 2019 में बीजेपी ने अकेले दम पर 62 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार यह संख्या घटकर 33 पर आ गई है। उसके सहयोगी दलों ने मिलकर तीन सीटें जीती हैं।
सबसे चौंकाने वाली हार अयोध्या सीट पर हुई, जहां बीजेपी की हार ने सबको हैरान कर दिया। 500 साल बाद भव्य राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बावजूद, बीजेपी की हार को लेकर लोग स्तब्ध हैं और कई लोग अपनी नाराज़गी भी जाहिर कर रहे हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि यह हार बीजेपी को एक सबक है और जनता ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि विकास और जनता की वास्तविक समस्याओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि सिर्फ धार्मिक मुद्दों को। वहीं, अन्य लोग इस हार को बीजेपी के प्रति नाराजगी और उसके कार्यों के खिलाफ विरोध के रूप में देख रहे हैं।
Author: samachar
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