इरफान अली लारी की रिपोर्ट
गोरखपुर। शिक्षा विभाग का अजब-गजब कारनामा सामने आया है। एक माह पहले जिस शिक्षक की कैंसर की बीमारी से मौत हो चुकी है। लोकसभा चुनाव में उसकी भी ड्यूटी लगाने के लिए सूची में नाम भेज दिया।
इसके बाद चुनाव को लेकर होने वाले प्रशिक्षण में जब शिक्षक का नाम अनुपस्थित वाली सूची में आया, तो बेसिक शिक्षाधिकारी ने कैंट थाने में मृत शिक्षक पर मुकदमा दर्ज करा दिया। केस दर्ज होने की सूचना जब स्वजन को लगी तो वह परेशान होकर इधर-उधर दौड़ लगा रहे हैं।
चरगांवा बीआरसी के अंतर्गत आने वाले कंपोजिट विद्यालय रेतवहिया में विजय शंकर सहायक पद पर तैनात थे। लीवर कैंसर की बीमारी होने के चलते मेंदांता लखनऊ में उनका उपचार चल रहा था। हालत गंभीर होने पर 13 अप्रैल 2024 को उनकी मौत हो गई।
स्वजन ने इसकी सूचना बीआरसी चरगांवा देते हुए शिक्षा विभाग के मुख्य कार्यालय को भी दी। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों ने शिक्षकों की सूची से उनका नाम नहीं हटाया। लोकसभा चुनाव को लेकर जब प्रशासन ने शिक्षकों के नाम का डाटा उठाया तो विजय शंकर का नाम भी चुनाव ड्यूटी में लग गया।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने विजय को पीठासीन अधिकारी बनाते हुए कोड संख्या 3117 पर ड्यूटी लगा दी गई। लापरवाही की हद तब और पार हो गई जब चुनाव ड्यूटी के लिए बीआरसी पर गया कागज भी शिक्षक के पास फर्जी तरीके से पहुंच गया और उन्हें प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया।
इसके बाद तय समय पर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित हो गये तो शिक्षा विभाग ने मुकदमा दर्ज करा दिया। विजय शंकर की पत्नी माधुरी देवी ने बताया कि उनके पति की मौत 13 अप्रैल को उपचार के दौरान हो गई है। इसकी सूचना शिक्षा विभाग को दी गई थी। चुनाव में ड्यूटी से संबंधित कोई कागज भी उनके घर नहीं पहुंचा। बावजूद इसके चुनाव में ड्यूटी लग गई और मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया। जानकारी होने पर वह परेशान है।
दोनों आंखों से दिव्यांग, लग गई ड्यूटी
चरगांवा के प्राथमिक विद्यालय देवीपुर में तैनात प्रवीण कुमार यादव दोनों आंखों से 100 प्रतिशत दिव्यांग है। शिक्षा विभाग के पास इसकी जानकारी होने के बाद भी इनकी ड्यूटी प्रथम मतदान अधिकारी कोड संख्या 1355 पर लग गई। लेकिन दिव्यांग होने की वजह से वह प्रशिक्षण में नहीं पहुंचे तो शिक्षा विभाग ने इनके विरुद्ध भी कैंट थाने में केस दर्ज करा दिया।
प्रवीण ने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र विभाग में जमा है। वह दोनों आंख से दिव्यांग हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार वह मेडिकल बोर्ड के सामने भी प्रस्तुत हुए थे। इसके बाद भी अनुपस्थित होने पर उनके विरुद्ध केस दर्ज करा दिया गया।
बीएसए रमेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में ड्यूटी के लिए एनआईसी पर अपलोड शिक्षकों का नाम उठाया गया है। फरवरी के बाद से उसे अपडेट नहीं किया गया है। ऐसे में अगर मृत और दिव्यांग शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगी है और मुकदमा दर्ज हुआ है तो उसे सही करा दिया जाएगा। साथ ही मुकदमा भी वापस ले लिया जाएगा।
Author: samachar
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