ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर की तीन नाबालिग लड़कियों का शव मथुरा में रेलवे ट्रैक के किनारे मिला है। बताया जा रहा है कि तीनों लड़कियां एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर अचानक रेलवे ट्रैक पर खड़ी हो गईं। इसी दौरान सामने से आ रही मालगाड़ी की चपेट आ गई और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
बिहार के मुजफ्फरपुर (योगिया मठ इलाका) से 13 मई को एकसाथ तीन लड़कियां लापता हुई थीं।
अब खबर आ रही है कि तीनों लड़कियों ने यूपी के मथुरा में ट्रेन से कटकर एकसाथ आत्महत्या कर ली है। बताया जाता है कि इनमें से एक लड़की ने अपने घर पर एक पत्र छोड़ा था, जिस पर लिखा था कि हम परमात्मा से मिलने जा रहे हैं, हमें खोजने की जरूरत नहीं है। मथुरा में तीन शव मिलने के बाद अब पुलिस इस मामले को सुलझाने की कवायद में जुट गयी है।
लड़की ने पत्र में लिखा है कि हम लोगों को बाबा ने बुलाया है। हम लोग हिमालय जा रहे हैं। हमें खोजने की कोशिश न करें। यदि खोजने की कोशिश की गयी तो जहर पी लेंगे। हम लोगों ने जहर खरीद लिया है। 13 मई को मुजफ्फरपुर के योगिया मठ इलाके की रहने वाली तीन लड़कियों के अचानक गायब हो जाने से तीनों के घरवाले काफी परेशान हो गये।
घटना के 10 दिन बाद नगर थाना में एफआईआर दर्ज की गयी। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो। लड़कियों के फोन की लोकेशन उत्तर प्रदेश में मिली।
तीन माह तक हम लोगों की खोजबीन नहीं कीजिएगा
गौरी के चाचा अमित रजक ने कहा कि गौरी, माया और माही 13 मई से लापता थीं। गौरी ने कहा था, गरीब स्थान मंदिर में पूजा के बाद स्कूल जाऊंगी। उसके साथ माही और माया भी थी। माही के पास मोबाइल था।
जब 2 बजे तक गौरी घर नहीं आई तो माही के मोबाइल पर फोन किया। उसका फोन बंद आ रहा था। जिसके बाद स्कूल गए तो बंद था। माही के घर गए तो वो भी वहां नहीं थी। पूरे दिन काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ नहीं पता चला। इस दौरान एक पत्र मिला जिसमें लिखा है, हम लोग धार्मिक यात्रा व हिमालय पर जा रहे हैं। तीन माह तक हम लोगों की खोजबीन नहीं कीजिएगा।
दो लड़कियों के शवों की पहचान हुई
हालांकि जब उन लड़कियों के परिजनों को शव दिखाए गए तो उनमें से दो के शव की पहचान कर ली गई, लेकिन तीसरी लड़की की पहचान नहीं हो पाई। एक लड़की के चेहरे जबकि दूसरी के कपड़ों की पहचान हुई, जबकि तीसरे का शव देखकर परिजनों ने पहचानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि शव उम्रदराज महिला का है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."