अ़ंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर हमला करने के लिए दो शहजादे शब्द का इस्तेमाल किया है। ऐसे में हम इलाहाबाद लोकसभा सीट की बात करें तो यहां लड़ाई दो वंशजों भाजपा के नीरज त्रिपाठी और कांग्रेस के उज्ज्वल रमण सिंह के बीच है।
नीरज त्रिपाठी राज्य के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे हैं, जिनका पिछले साल निधन हो गया था, जबकि उज्ज्वल के पिता रेवती रमण सिंह हैं, जिन्होंने 2004 और 2014 के बीच लोकसभा में इलाहाबाद का प्रतिनिधित्व किया। जबकि तीसरे प्रत्याशी बसपा के रमेश कुमार पटेल है। इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 25 मई को मतदान होगा।
बीजेपी उम्मीदवार नीरज, जो अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू कर रहे हैं, उनके लिए सबसे प्लस प्वाइंट उनके पिता की विरासत और आरएसएस की संगठनात्मक ताकत है, लेकिन उनके लिए सबसे माइनस प्वांइट यह है कि इससे पहले उन्हें कभी क्षेत्र के आसपास नहीं देखा गया था।
दूसरी ओर, उज्जवल तीन बार विधायक और मुलायम सिंह यादव सरकार में पूर्व मंत्री होने के कारण एक जाना-पहचाना चेहरा हैं।
इलाहाबाद लोकसभा सीट मौजूदा सासंद बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी है। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा आती हैं, जिनमें से चार (इलाहाबाद दक्षिण, करछना, कोरांव और बारा) पर बीजेपी का कब्जा है। पांचवीं विधानसभा मेजा पर सपा का कब्जा है।
इलाहाबाद लोकसभा सीट का इससे पहले तमाम दिग्गज प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। जिनमें ‘भारत रत्न’ पुरुषोत्तम दास टंडन, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा और फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन का भी नाम शामिल है। नीरज जहां ब्राह्मण हैं, वहीं कांग्रेस-सपा प्रत्याशी उज्जवल भूमिहार हैं।
ऐसा माना जाता है कि नीरज ने सीट पाने के लिए मौजूदा सांसद रीता बहुगुणा जोशी और राज्य मंत्री नंद गोपाल गुप्ता से प्रतिस्पर्धा को टाल दिया है, और उनकी संभावनाएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि ये दोनों और पूर्व विधायक नीलम करवरिया, जो इस सीट की इच्छुक थी, उनका समर्थन कैसे करती हैं।
नीरज की राजनीतिक यात्रा को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आरएसएस से जुड़े एक प्रोफेसर कहते हैं, ‘नीरज को सिर्फ एक पूर्व राज्यपाल के बेटे के रूप में जाना जाता है। अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती है।’ वहीं इसके विपरीत उज्ज्वल को निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में फायदा मिल सकता है। उन्हें करछना क्षेत्र में अपने पिता के घर-घर नेटवर्क की नींव भी हासिल है।
वहीं नीरज को लगभग 25,000 अधिवक्ताओं का समर्थन प्राप्त है, जो इलाहाबाद हाई कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों में प्रैक्टिस करते हैं, और इलाहाबाद और फूलपुर (जिसमें इलाहाबाद पश्चिम और इलाहाबाद उत्तर विधानसभा क्षेत्र आते हैं) की लोकसभा सीटों पर काफी प्रभाव रखते हैं।
व्यवसायी और आरएसएस कार्यकर्ता मनोज साहू कहते हैं, ‘हम घर-घर जाकर अभियान चला रहे हैं। हमारे लिए उम्मीदवार कोई मायने नहीं रखता। हम मतदाताओं को एकजुट करने के लिए राष्ट्रीय हित में काम कर रहे हैं।’
इलाहाबाद हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता का कहना है कि निर्वाचन क्षेत्र जीतने के लिए उनकी बिरादरी का समर्थन महत्वपूर्ण है। राष्ट्री हित की बात करते हुए मेहता कहते हैं कि अधिवक्ता 100% मतदान सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।
प्रयागराज से लगभग 25 किमी दूर स्थित और करछना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कैथी में सृष्टि नारायण पटेल (ओबीसी कुर्मी), डिस्ट्रिक कलेक्टर भरतिया (एससी) और लालजी प्रजापति (ओबीसी कुम्हार) ने एकजुट होकर बेरोजगारी की शिकायत की है यह सभी लोग इसका आरोप बीजेपी पर लगाते हैं।
वे कहते हैं कि हमारे युवा नौकरियों के लिए रो रहे हैं, भाजपा की नीतियों ने हमें बर्बाद कर दिया है। हम सभी यहां सपा को वोट देंगे।
कुछ किलोमीटर दूर कौआ में अनुसूचित जाति के 24 वर्षीय सदस्य विशाल भारतीय, जो जनसेवा केंद्र चलाते हैं। वो अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग करते हैं। विशाल कहते हैं कि मैं 2018 में वोट देने के योग्य हो गया और 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी को वोट दिया। 2022 के विधानसभा चुनावों में मैंने ‘जंगल राज’ के खिलाफ वोट के रूप में भाजपा को चुना। लेकिन इस बार, मैं भाजपा को वोट नहीं देने जा रहा हूं। जबकि उनके बड़े भाई नागेंद्र कहते हैं कि नीरज की पत्नी कविता यादव भाजपा के लिए समर्थन मांगने के लिए फोन कर रही हैं।
प्रयागराज-मिर्जापुर रोड पर स्थित यादव बहुल गांव मुंगारी के रहने वाले प्रिंस यादव कहते हैं कि लोगों को भाजपा शासन द्वारा “पीड़ित” किया गया है और उनका कहना है कि उनका वोट सपा के साथ रहेगा।
बीजेपी प्रयागराज शहर इकाई के अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा कहते हैं, ‘दोनों खेमों का दावा है कि उन्हें इलाहाबाद के साथ-साथ फूलपुर में भी जीत का भरोसा है। उन्होंने कहा, ”हम दोनों सीटें जीतेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है।’
सपा की यमुनापुर इकाई के अध्यक्ष पप्पू निषाद का कहना है कि पार्टी ने समाज के सभी वर्गों में पैठ बना ली है। वे कहते हैं, ”लोग बीजेपी से नाराज हैं और हमारे उम्मीदवार को सभी जाति और समुदाय से समर्थन मिल रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."