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November 23, 2024 4:12 am

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रहस्य के पर्दे में आप सांसद स्वाती मालीवाल के साथ कथित दुर्व्यवहार का सियासत में उलझा सच

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ कथित दुर्व्यवहार और मारपीट का मामला अब भी रहस्य बना हुआ है। 

आरोप है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार ने मुख्यमंत्री निवास के भीतर स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की। उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मगर अब तक पूरा मामला स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसे राजनीतिक रंग दे दिए जाने की वजह से और उलझ गया है।

राजनीतिक दलों का रवैया रहस्य को गहरा कर रहा

आम आदमी पार्टी इसे भाजपा की साजिश बताने लगी है। खुद अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता करके केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनके सारे नेताओं को गिरफ्तार करना चाहती है। 

बिभव कुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ उन्होंने भाजपा दफ्तर पर प्रदर्शन का भी एलान कर दिया। भाजपा भी इस मामले को भुनाने में पीछे नहीं रही। उसके नेता इस मामले पर सार्वजनिक मंचों से बोलते रहे, महिला कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। 

आम चुनाव का माहौल है, इसलिए भाजपा पूरी तरह इसका लाभ उठा लेना चाहती है। मगर आम आदमी पार्टी का पलटवार इस मामले के रहस्य को और गहरा कर देता है।

स्वाति मालीवाल के दुविधा भरे कदम से कई सवाल उठे

दरअसल, इस घटना को लेकर खुद स्वाति मालीवाल के दुविधा भरे कदमों ने अनेक प्रश्न अनुत्तरित छोड़ दिए हैं। घटना के तुरंत बाद मालीवाल ने फोन कर पुलिस को सूचना दी, प्राथमिकी दर्ज कराने थाने भी पहुंचीं, मगर प्राथमिकी दर्ज कराए बगैर लौट आईं। फिर तीन दिन तक वे चुप्पी साधे रहीं। 

घटना के दूसरे दिन आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने जरूर प्रेस वार्ता करके मालीवाल के साथ हुए दुर्व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उस पर मुख्यमंत्री की तरफ से कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मगर उनकी तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जा सका। चार दिन बाद मालीवाल ने प्राथमिकी दर्ज कराई और उनकी चिकित्सीय जांच की गई।

जांच में उनके शरीर पर चोट के निशान चिह्नित किए गए। मगर उसके बाद मुख्यमंत्री निवास के भीतर सुरक्षा कर्मियों से मालीवाल की बातचीत और वहां से उनकेबाहर निकलने की जो तस्वीरें जारी की गईं, उनमें कहीं भी उनके साथ दुर्व्यवहार की निशानदेही नहीं होती। 

दिल्ली पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, उसने कुछ तथ्य भी जुटाए हैं, उन्हीं के जरिए हकीकत सामने आ सकती है। मगर सवाल है कि आखिर मालीवाल क्यों कई दिन तक चुप्पी साधे रहीं और जो आम आदमी पार्टी महिलाओं की सुरक्षा के दावे करती नहीं थकती, वह मुख्यमंत्री निवास के भीतर हुई इस घटना पर से पर्दा उठाने से क्यों हिचकती रही।

किसी भी महिला के साथ अगर इस तरह दुर्व्यवहार किया जाता है, तो उसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। चूंकि यह घटना एक राज्यसभा सदस्य के साथ हुई है और मुख्यमंत्री निवास के भीतर उनके निजी सचिव पर मारपीट का आरोप है, इसलिए यह और क्षोभ का विषय है। 

मगर जैसा कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच खींचतान का वातावरण बना रहता है, इस मामले को भी राजनीतिक रस्साकशी का मुद्दा बना दिया गया है। यह किसी भी रूप में ठीक नहीं है। मालीवाल के साथ हुई घटना की हकीकत लोगों के सामने आनी ही चाहिए।

अगर मुख्यमंत्री के निजी सचिव इस मामले में दोषी हैं, तो उन्हें बचाने का प्रयास क्यों होना चाहिए? अपेक्षा तो यह की जाती थी कि मुख्यमंत्री खुद इस मामले की जांच करा कर सच्चाई सामने लाएंगे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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