दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बिजनौर से जब एक छोटा बालक नाना की तिजोरी से 13 रुपये चुराकर मुंबई आया, तो सपनों का सागर उसकी आंखों के सामने तैर रहा था। रेडियो पर बॉलीवुड के गाने सुनते-सुनते फिल्मों में काम करने का जुनून मुंबई खींच तो लाया, पर छोटे बच्चे को भला कौन क्या काम देता? तब बिजनौर के ही रहने वाले कल्लू नाई ने उन्हें अपने यहां काम करने का मौका दिया।
बालक के नाना उसे ढूंढते हुए मुंबई पहुंचे और उसे वापस घर ले आए, पर फिल्मों में काम करने का जुनून बालक को चैन नहीं लेने दे रहा था। वे कुछ दिन बाद फिर मुंबई आ गए। वह बालक बड़ा होकर बॉलीवुड के सबसे सफल निर्देशकों में से एक बना, नाम है- प्रकाश मेहरा।
प्रकाश मेहरा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के महान डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे। उन्होंने नासिर हुसैन और मनमोहन देसाई के साथ पहली बार बॉलीवुड में मसाला फिल्में बनाई थीं। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी फिल्मों ने इतिहास रच दिया था।
कहते हैं वो बिग बी के गॉड फादर थे, लेकिन उन्होंने हमेशा इस बात से इनकार किया। उनका कहना था कि काबिलियत ही आगे लेकर जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रकाश मेहरा हॉलीवुड मूवी भी बनाने वाले थे और ऐसा करने वाले वो पहले बॉलीवुड डायरेक्टर थे। उनके बारे में आप जितना जानेंगे, उनके मुरीद होते चले जाएंगे।
Prakash Mehra का जन्म 13 जुलाई 1939 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुआ था। जब पांच साल के थे, तब मां का निधन हो गया था। बाप ने 8 साल की उम्र में बेसहारा छोड़ दिया था। बचपन सड़कों पर बीता। मुश्किल से पांचवी तक ही पढ़े थे। फिर भागकर मुंबई चले गए। उस समय उनकी जेब में मात्र 13 रुपये थे। वो रेलवे स्टेशन पर भूखे सोते थे। लेकिन अंदर एक स्टार बनने का कीड़ा हमेशा कुलबुलाता था। यही वजह थी कि वो जैसे-तैसे फिल्म के सेट पर पहुंच गए। जहां साइडलाइन वाले काम किए। सेट पर स्टार्स को चाय तक पिलाई।
इसके बाद किस्मत ने प्रकाश मेहरा का साथ देना शुरू किया। पहले प्रोडक्शन कंट्रोलर का काम मिला और फिर असिस्टेंट बनने का मौका मिला। उनके अंदर टैलेंट कूट-कूटकर भरा था, इसलिए सफलता तो मिलनी ही थी। वो टूटे-फूटे शब्दों में अपनी भावनाओं को लिखते थे। उनके सीनियर्स जानते थे कि वो प्रतिभा के धनी हैं।
साल 1968 में किस्मत रंग लाई। शशि कपूर और बबीता संग पहली मूवी डायरेक्ट की, जिसका नाम था ‘हसीना मान जाएगी।’ ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और प्रकाश मेहरा की जिंदगी बदल गई।
फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा
इसके बाद प्रकाश मेहरा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने फिरोज खान और संजय खान के साथ 1971 में ‘मेला’ बनाई, जो हिट रही। फिर अगले साल धर्मेंद्र, जया भादुड़ी और संजय खान के साथ ‘समधी’ फिल्म डायरेक्ट की। इसके बाद जब उनकी अमिताभ बच्चन से मुलाकात हुई, तो इतिहास रच दिया।
अमिताभ बच्चन संग जबरदस्त कोलैबोरेशन
1973 की बात है। उस समय अमिताभ बच्चन एक फ्लॉप एक्टर साबित हो चुके थे। उनकी पिछली कई फिल्में लगातार फ्लॉप रहीं। प्रकाश मेहरा ने ‘जंजीर’ बनाने का फैसला किया।
उन्होंने पहले धर्मेंद्र को अप्रोच किया। चूंकि धर्मेंद्र उस समय के टॉप एक्टर्स में से एक थे, इसलिए वो उन्हें कास्ट करना चाहते थे, लेकिन उनके पास डेट्स नहीं थीं। इसके बाद प्रकाश ने सोचा कि सुपरस्टार का रिप्लेसमेंट सुपरस्टार से ही हो, लेकिन कोई भी इस मूवी के लिए तैयार नहीं हो रहा था। फिर एक दिन उनके सीनियर प्राण (एक्टर) का फोन आया। वो उन्हें अपने साथ ‘बॉम्बे टू गोवा’ फिल्म दिखाने लेकर गए और वहीं पर अमिताभ बच्चन को इंट्रोड्यूस किया।
प्रकाश मेहरा ने तभी फैसला कर लिया कि वो अमिताभ बच्चन को कास्ट करेंगे। लेकिन जैसे ही ये बात सामने आई, हर कोई प्रकाश मेहरा को ताने मारने लगा। सबका कहना था कि वो किसी फ्लॉप एक्टर को अपनी फिल्म में क्यों कास्ट कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने ‘जंजीर’ बनाई और ये रिलीज हुई। पहले लगा कि फिल्म फ्लॉप साबित हुई।
प्रकाश को गहरा सदमा लगा, क्योंकि उन्होंने इस फिल्म के लिए अपना घर, बीवी के गहने सबकुछ दांव पर लगाकर गिरवी रख दिया था। लेकिन फिर उनके पास कॉल आया कि फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों से उनके पास फोन आने लगे और ये मूवी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे सफल फिल्मों में से एक साबित हुई। ये उनके प्रोडक्शन हाउस ‘प्रकाश मेहरा प्रोडक्शंस’ की पहली मूवी थी।
साथ में 6 ब्लॉकबस्टर मूवीज
इसके बाद प्रकाश मेहरा और अमिताभ बच्चन ने 6 और ब्लॉकबस्टर मूवीज दीं। इनमें ‘हेरा फेरी’, ‘खून पसीना’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘लावारिस’, ‘नमक हलाल’ और ‘शराबी’ तक शामिल हैं। इन फिल्मों ने अमिताभ बच्चन के सिर से फ्लॉप एक्टर का तमगा भी हटा दिया। दोनों की साथ में आखिरी मूवी ‘जादूगर’ थी और ये भी सुपरहिट थी।
लिखे सुपरहिट गानें
प्रकाश मेहरा टैलेंट के पावरहाउस थे। उनके अंदर राइटिंग टैलेंट था। उन्होंने कई सुपरहिट्स सॉन्ग भी लिखे हैं। इनमें से एक ‘अपनी तो जैसे तैसे’ भी है। उन्होंने बाकी के स्टार्स के साथ भी फिल्में बनाईं, जिन्होंने सफलता के झंडे गाड़े।
प्रकाश मेहरा हॉलीवुड में कदम रखने वाले पहले बॉलीवुड डायेरक्टर्स में से एक थे। 80 के दशक के अंत में उन्होंने फ्रैंक यांडोलिनो के साथ फिल्म ‘द गॉड कनेक्शन’ बनाने के लिए एक ज्वॉइंट वेंचर की कोशिश की। इस मूवी में चार्ल्स ब्रोंसन जैसे हॉलीवुड एक्टर्स को शामिल किया जाना था, लेकिन शुरुआत में इस प्रोजेक्ट को भारी धनराशि मिली, लेकिन यह कभी सफल नहीं हो सकी।
2009 में ली थी आखिरी सांस
17 मई 2009 को 69 साल की उम्र में प्रकाश मेहरा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका निधन निमोनिया और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण हुआ था।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."