Explore

Search
Close this search box.

Search

23 February 2025 4:42 am

लेटेस्ट न्यूज़

शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर कामाख्या देवी मंदिर… ये दावे अब किए जाने लगे हैं  

97 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

अधीक्षण पुरातत्वविद रहे हैं, उन्होंने अपने कार्यकाल में फतेहपुर सीकरी के वीर छबीली टीले की खुदाई की, जिसमें उन्हें सरस्वती और जैन मूर्तियां मिली। जिनका काल एक हजार ईसवीं के लगभग था। डी वी शर्मा ने अपनी पुस्तक ‘आकिर्योलॉजी ऑफ फतेहपुर सीकरी- न्यू डिस्कवरीज़’ में इसका विस्तार से वर्णन किया है। इसी पुस्तक के पेज संख्या 86 पर वाद संपत्ति का निर्माण हिन्दू व जैन मंदिर के अवशेषों से बताया है।       

अंग्रेज अधिकारी ई बी हावेल ने वाद संपत्ति के खम्भों व छत को हिन्दू शिल्पकला बताया है और मस्जिद होने से इंकार किया है। खानवा युद्ध के समय सीकरी के राजा राव धामदेव थे। खानवा युद्ध में जब राणा सांगा घायल हो गए तो राव धामदेव धर्म बचाने के लिए माता कामाख्या के प्राण प्रतिष्ठित विग्रह को ऊंट पर रखकर पूर्व दिशा की ओर गए। 

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सकराडीह में कामाख्या माता के मंदिर को बनाकर इस विग्रह को पुन: स्थापित किया। उस तथ्य का उल्लेख राव धामदेव के राजकवि विद्याधर ने अपनी पुस्तक में किया है।        

किसी भी मंदिर की प्रकृति को बदला नहीं जा सकता’

अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि भारतीय कानून भी यही कहता है कि किसी भी मंदिर की प्रकृति को बदला नहीं जा सकता। यदि एक बार वह मंदिर के रूप में प्राण प्रतिष्ठित हो गया तो वह हमेशा मंदिर ही रहेगा। 

केस को न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव के न्यायालय लघुवाद न्यायालय में पेश किया गया, जिसपर माननीय न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी करने का आदेश किया। सुनवाई की अगली तिथि ऑनलाइन ई कोर्ट पर देखने को कहा गया। सुनवाई के दौरान वादी व अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ, अधिवक्ता अभिनव कुलश्रेष्ठ व अजय सिकरवार उपस्थित रहे।

Author:

'श्री कृष्ण मंदिर' लुधियाना, पंजाब का सबसे बड़ा मंदिर है, जो 500 वर्ग गज के क्षेत्र में बना है। यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है।

लेटेस्ट न्यूज़