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November 2, 2024 1:11 am

बुंदेलखंड का चुनावी रण ; भाजपा के गढ़ में सेंधमारी… . सपा के ‘साइकिल’ पर ‘हाथी’ की हुंकार भारी

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर समेत बुंदेलखंड की चार संसदीय क्षेत्रों में पिछले आम चुनाव में सपा और बसपा के गठबंधन की गांठें खुल गई थी। भाजपा की लहर में इन दलों को मतदाताओं ने तगड़ा झटका भी दिया था। इसके बावजूद अबकी बार कांग्रेस और सपा के गठबंधन ने फिर से भाजपा की घेराबंदी की है। 

हालांकि चुनाव मैदान में अभी से गठबंधन की गाठें एक बार फिर खुल गई है। संसदीय क्षेत्र में सपा अकेले ही चुनाव मैदान में जातीय समीकरण बनाने में जुटी है, जबकि कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता साइकिल को रफ्तार देने के लिए घर से बाहर भी नहीं निकल रहे है।

बुंदेलखंड की हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी, बांदा-चित्रकूट, झांसी-ललितपुर और जालौन-गरौठा संसदीय क्षेत्र में अबकी बार भी भाजपा की इंडिया गठबंधन से सीधी फाइट होना तय लग रहा है। हालांकि इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार से सहयोगी दल के नेता और कार्यकर्ता दूरी बनाए है। इसीलिए इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अकेले ही चुनाव प्रचार में जुटे है। पिछले आम चुनाव में बुंदेलखंड की चारों सीटों पर भाजपा ने 2014 के चुनाव का इतिहास दोहराते हुए कमल खिलाया था।

गठबंधन के प्रत्याशियों की हार

जबकि बसपा और सपा के गठबंधन को भाजपा की लहर में तगड़ा झटका लगा था। बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट पर गठबंधन से सपा प्रत्याशी श्यामाचरण गुप्ता करीब 58,928 मतों से पराजित हुए थे। वहीं हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय क्षेत्र से बांदा के बड़े कारोबारी और गठबंधन के बसपा प्रत्याशी दिलीप सिंह 2.48 लाख से ज्यादा मतों से पराजित हो गए थे। 

इसी तरह से जालौन-गरौठा और झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से गठबंधन के प्रत्याशियों की भारी मतों से हार हुई थी।

कांग्रेस के नेताओं की अनदेखी

अबकी बार लोकसभा के चुनाव में पूरा विपक्ष भाजपा के खिलाफ चुनाव मैदान में है। कांग्रेस और सपा ने भाजपा को झटका देने के लिए भले ही गठबंधन किया है, लेकिन गठबंधन की गांठें एक बार फिर से खुलने लगी है। 

यहां संसदीय क्षेत्र में ही सपा की साइकिल को रफ्तार देने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में नहीं जा रहे है। एक पदाधिकारी ने नाम न देने की शर्त पर बताया कि गठबंधन में यहां की सीट से सपा प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।

जातीय समीकरण भी हो गए थे तार-तार

बुंदेलखंड की सभी चारों सीटों पर वर्ष 2014 से भाजपा का कब्जा बरकरार है। पिछले आम चुनाव में बसपा और सपा ने भाजपा को घेरने के लिए गठबंधन किया था, लेकिन दोनों ही दलों के चुनावी समीकरण भाजपा की लहर में तार-तार हो गए थे। 

हालांकि बुंदेलखंड में हमीरपुर-महोबा, बांदा-चित्रकूट, जालौन-गरौठा, झांसी-ललितपुर सीटों पर बसपा और सपा के गठबंधन प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। अबकी बार फिर सपा ने कांग्रेस से गठबंधन किया है, लेकिन अभी से गांठें खुलने लगी है।

हाथी ने भी भरी हुंकार

बुंदेलखंड की चारों सीटों पर भाजपा ने हैट्रिक लगाने के लिए पूरी ताकत लगाई है, लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन और बसपा भाजपा के चुनावी समीकरण बिगाड़ने में जुटी है। 

हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय क्षेत्र में ही भाजपा की हैट्रिक रोकने के लिए इंडिया गठबंधन ने भाजपा के गढ़ में सेंधमारी शुरू कर दी है, जबकि सपा की साइकिल की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए चुनावी दंगल में हुंकार भरी है। बसपा के ब्राह्मण जाति के प्रत्याशी से सपा ही नहीं भाजपा प्रत्याशी में चिंता बढ़ गई है।

Desk
Author: Desk

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