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November 22, 2024 8:07 pm

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जहाँ से कभी नहीं जीती भाजपा वहाँ इस बार की चाल देखी आपने… .. 

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश की मैनपुरी ऐसी सीट है, जहां के चुनावी मुकाबले पर तमाम राजनीतिक विश्लेषकों की नजर है। क्योंकि सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव यहां से चुनाव लड़ रही हैं। अब तक मैनपुरी सीट पर बीजेपी को जीत नहीं मिली है। 1996 से यह सीट सपा के कब्जे में रही है। लेक‍िन, इस बार बीजेपी ने पुराने सपाई को मैदान में उतार कर नया दांव चला है।

मैनपुरी सीट को लेकर एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि यह सीट 2004 से अब तक सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के परिवार के पास ही है।

1952 से 1984 तक हुए आठ लोकसभा चुनाव में से कांग्रेस को यहां चार बार जीत मिली थी लेकिन 1984 के बाद से अब तक कांग्रेस यहां से नहीं जीती। आइए, नजर डालते हैं कि 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से 2022 के लोकसभा उपचुनाव तक किस राजनीतिक दल के किस उम्मीदवार ने यहां से जीत हासिल की है।

साल जीते उम्मीदवार पार्टी  1952 बादशाह गुप्ता कांग्रेस

1957 बंशी दास धनगर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी

1962 बादशाह गुप्ता कांग्रेस

1967 महाराज सिंह कांग्रेस

1971 महाराज सिंह कांग्रेस

1977 रघुनाथ सिंह वर्मा जनता पार्टी

1980 रघुनाथ सिंह वर्मा जनता पार्टी (सेक्युलर )

1984 बलराम सिंह यादव कांग्रेस

1989 उदय प्रताप सिंह जनता दल

1991 उदय प्रताप सिंह जनता पार्टी

1996 मुलायम सिंह यादव सपा

1998 बलराम सिंह यादव सपा

1999 बलराम सिंह यादव सपा

2004 मुलायम सिंह यादव सपा

2004 (उपचुनाव) धर्मेंद्र यादव सपा

2009 मुलायम सिंह यादव सपा

2014 मुलायम सिंह यादव सपा

2014 (उपचुनाव) तेज प्रताप सिंह यादव सपा

2019 मुलायम सिंह यादव सपा

2022 (उपचुनाव) डिंपल यादव सपा

सपा का गढ़ है मैनपुरी

2022 में सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद जब इस सीट पर उपचुनाव हुआ था तो सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को यहां से चुनाव मैदान में उतारा था। तब सपा के पक्ष में सहानुभूति की जबरदस्त लहर देखने को मिली थी और डिंपल यादव को 2.88 लाख वोटों से जीत मिली थी।

जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सपा बसपा और रालोद के संयुक्त गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर मुलायम सिंह यादव ने चुनाव लड़ा था तब वह 94 हजार वोटों से जीते थे।

मैनपुरी लोकसभा सीट में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। ये सीटें- भोंगांव, मैनपुरी, किशनी (एससी), करहल और जसवंत नगर हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में इनमें से 2 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी।

Mainpuri Yadav Population: यादव मतदाता सबसे ज्यादा

जातीय समीकरणों की बात करें तो राजनीतिक खबरों के मुताबिक, मैनपुरी लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा चार लाख यादव मतदाता हैं। इसके बाद शाक्य मतदाताओं की संख्या ढाई लाख के आसपास है। क्षत्रिय मतदाता दो लाख जबकि ब्राह्मण, पाल, बघेल, कश्यप और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की सख्या एक-एक लाख है। यहां करीब सवा लाख लोधी मतदाता और 70 हजार मुस्लिम मतदाता हैं।

Mainpuri Jaiveer Singh BJP: जयवीर सिंह को बीजेपी ने दिया टिकट

2022 के उपचुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा ने यहां से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह को टिकट दिया है। जयवीर सिंह 2017 में बीजेपी में शामिल हुए थे। उससे पहले वह कांग्रेस और सपा में थे।

कौन हैं जयवीर सिंह?

2022 के विधानसभा चुनाव में जयवीर सिंह ने मैनपुरी सदर सीट से सपा उम्मीदवार राजकुमार उर्फ राजू यादव को हराया था। राजू यादव इस सीट से लगातार दो बार सपा के टिकट पर विधायक रहे थे। इस जीत के बाद से ही मुलायम सिंह के प्रभुत्व वाले इस इलाके में जयवीर सिंह का सियासी कद बढ़ गया था। जयवीर सिंह 2002 और 2007 में मैनपुरी की घिरोर सीट से चुनाव जीत चुके हैं। वह 2002 और 2007 में राज्य मंत्री रह चुके हैं। लेकिन 2022 में मिली जीत के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

जयवीर सिंह की पत्नी रीता सिंह जिला सहकारी बैंक की अध्यक्ष हैं। उनके दो बेटे हैं। बड़े बेटे अतुल सिंह फिरोजाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं जबकि उनकी पत्नी अमृता सिंह ब्लाक प्रमुख हैं। दूसरे बेटे सुमित प्रताप सिंह की पत्नी हर्षिता सिंह फिरोजाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

2021 में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में हर्षिता सिंह ने सपा की उम्मीदवार रुचि यादव को हराया था। इस जीत को बीजेपी के लिए बड़ी जीत माना गया था। यह साफ पता चलता है कि जयवीर सिंह इस इलाके में ताकतवर शख्सियत हैं और उनके राजनीतिक असर को देखते हुए ही बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया है। मैनपुरी सीट को सपा से छीनने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है।

BSP Shiv Prasad Yadav: बसपा ने भी दिया यादव नेता को टिकट

यादव मतदाताओं की अधिक आबादी को देखते हुए ही बसपा ने भी इसी समुदाय के शिव प्रसाद यादव को उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने पहले यहां से गुलशन सिंह शाक्य को टिकट दिया था लेकिन बाद में शिव प्रसाद यादव को उम्मीदवार बना दिया। इससे नाराज होकर गुलशन सिंह शाक्य सपा में चले गए।

शिव प्रसाद यादव पहले बीजेपी में थे लेकिन साल 2023 में उन्होंने सर्वजन सुखाय पार्टी नाम से अपना राजनीतिक दल बना लिया था। वह यादवों के घोसी समुदाय से आते हैं जबकि डिंपल यादव कमरिया समुदाय से आती हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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