हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
हिंदू धर्म में हनुमान जी का खास महत्व है। भगवान हनुमान अपने भक्तों के भय और संकट दूर करने और मनोकामना पूरी करने के लिए जाने जाते हैं, इसी बात का जीता जागता उदाहरण है छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम कमरौद में भगवान हनुमान जी का मंदिर।
इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह एक चमत्कारिक मंदिर है, जहां हनुमान जयंती के दिन भगवान हनुमान अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।
400 वर्ष पुरानी है हनुमान जी की प्रसिद्ध चमत्कारिक मूर्ति
छत्तीसगढ़ के ग्राम कमरौद में स्तिथ हनुमान जी के मंदिर में 400 वर्ष पुरानी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है, इस मूर्ति को लोग चमत्कारी हनुमान भी कहते हैं। दूर दूर के इलाकों से लोग यहां अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं। हनुमान जी के इस मंदिर की प्रसिद्धि अब पूरे छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य बहुत से राज्यों में भी होने लगी है। हनुमान जयंती के अवसर पर यहां भव्य कार्यक्रम, हवन, विशाल भंडारा होता है।
400 साल पुरानी इस मूर्ति के मिलने के पीछे की कथा
बालोद जिले के ग्राम कमरौद के मंदिर में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा 400 वर्ष पुरानी बताई जाती है। कहा जाता है की 400 वर्ष पूर्व कमरौद गांव के आसपास काफी सूखा पड़ता था। इस कारण वहां के लोग काफी परेशान थे। एक दिन एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था तभी जमीन में उसका हल किसी चीज से फंस गया। काफी कोशिश करने के बाद जब हल को निकाला गया तब उस जगह जमीन के नीचे हनुमान जी की मूर्ति मिली। तब उस मूर्ति की अच्छे से सफाई करने के बाद उसे वहीं स्थापित कर दिया गया। तब से हनुमान जी की ये मूर्ति भूफोड़ हनुमान जी के नाम से जानी जाती है।
खुद से बढ़ जाती है मूर्ति की ऊंचाई
हनुमान जी की इस मूर्ति के लिए एक छोटा सा मंदिर भी बनाया गया, लेकिन मूर्ति की ऊंचाई धीरे धीरे बढ़ने लगी। जिससे मंदिर की छत टूट गई. ऐसा 3 से 4 बार हुआ। हनुमान जी की ये मूर्ति लगातार बढ़ती गई और वर्तमान में अब ये मूर्ति 12 फीट की हो गई है, बताया जाता है की जब मूर्ति मिली तब वो सिर्फ 2 फीट की थी जो धीरे धीरे बढ़ती चली गई। इसलिए जहां ये मूर्ति मिली थी उसी स्थान पर भक्तों और दानदाताओं के सहयोग से एक भव्य मंदिर बनाया गया, जिसकी छत की ऊंचाई 28 फीट रखी गई। धीरे धीरे लोगो की आस्था इस मंदिर के प्रति बढ़ती ही जा रही है।
चमत्कारी हनुमान मंदिर
यह मंदिर चमत्कारी हनुमान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और यहां बहुत दूर दूर के इलाकों के लोग अपनी मनोकामना लेकर आते है। मान्यता है कि हनुमान जी के इस मंदिर में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। कहा जाता है कि आज हनुमान जयंती पर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मन्नत अवश्य पूरी होती हैं इसलिए आज के दिन बहुत दूर दूर से भक्त यहां आते हैं।
मंदिर में शनि देव और मां काली भी हैं विराजमान
मंदिर के प्रांगण में भव्य शिव लिंग बना हुआ है और बाहरी भाग में एक तरफ शनि देव जी स्थापित है तो दूसरी तरफ माँ काली की भव्य विशाल मूर्ति विराजमान है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं। ये इतनी भव्य और खूबसूरत हैं कि इन्हें देखने पर नजरें हटाना मुश्किल हो जाता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."