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November 22, 2024 2:30 pm

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वन कर्मियों की क्रूरता का दंश आज़ भी झेल रहे गरीब आदिवासी…की मारपीट, तोड़ा पैर… वन कर्मियों ने पीड़ितों पर ही दर्ज़ करा दिया मुक़दमा

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट। जिले के पठारी क्षेत्रों में कोल आदिवासी समाज के लोगों की दुर्दशा देखते ही बनती है जहां पर रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होने के चलते यह गरीब आदिवासी रोजी रोटी की जुगाड में पलायन करने को मजबूर हैं जो अन्य राज्यों व अन्य जिलों में काम की तलाश में घर बार छोड़ कर चले जाते हैं और वहीं पर रहकर मेहनत मजदूरी करते हैं व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। जो गरीब आदिवासी अपने घरों में रहते हैं वह खेती किसानी करते हैं व मेहनत मजदूरी करते हैं। इनमें से ज्यादातर गरीब आदिवासी जंगलों से लकड़ियां बीनकर बाजार में बेचते हैं और उन्हीं थोड़े बहुत पैसों से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं l

पठारी क्षेत्रों से दस्युओं के खात्मे के बाद यहां के गरीब आदिवासी लोग राहत की सांस लेने लगे थे लेकिन दस्युओं के खात्मे के बाद इनका जन जीवन और भी अस्त व्यस्त हो गया है इनके ऊपर दादू, दबंग व रसूखदार लोग अपना रुतबा दिखाते हुए नज़र आते हैं लेकिन जब यह गरीब आदिवासी समाज के लोग अपनी सुरक्षा व न्याय पाने के लिए पुलिस प्रशासन की चौखट पर जाते हैं तो वहां पर भी इन्हे मायूसी ही मिलती है l

ऐसा ही एक मामला सामने आया है मारकुंडी थाना क्षेत्र के डोंडा माफ़ी गांव के गरीब आदिवासी समाज के लोगों का l

ग्राम पंचायत डोंडा माफ़ी के गरीब आदिवासी बाबाजान पुत्र शिवलाल व गोरेलाल पुत्र धर्मपाल ने बताया कि दिनांक 23सितंबर 2023को लगभग चार बजे भवनिहा खेर के पास खेत में कार्य कर रहे थे तभी मारकुंडी वन रेंज प्रथम के वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला, रामभवन वन दरोगा, रामकुमार पुत्र मिठाईलाल विश्वकर्मा वाचर डोंडा माफ़ी, सुरेश पटेल रिटायर्ड वन कर्मी आये और गाली गलौज करने लगे व यह कहने लगे कि यहां पर कार्य न करो यह वन विभाग की ज़मीन है जिसमें प्रार्थी गणों द्वारा बताया गया कि लेखपाल द्वारा ज़मीन की नाप कर दी गई है और हम वहीं पर कार्य कर रहे हैं इतना सुनते ही वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला व अन्य वन कर्मियों ने गाली गलौज करते हुए मारपीट करने लगे व उमेश कुमार शुक्ला ने तेंदू के डंडे से बाबा जान के पैर पर जोरदार प्रहार किया जिससे बाबा जान का दाहिना पैर टूट गया व गोरे लाल को भी गंभीर चोटें आई वहीं इन दोनों पीड़ितों ने मदद की गुहार लगाई तो अपने खेत में कार्य कर रहे अन्य ग्रामीण भागते हुए आए और वन कर्मियों से पीड़ितों की जान बचाई l

वन कर्मियों के द्वारा की गई मारपीट में घायल बाबा जान अपना इलाज कराने जिला चिकित्सालय चित्रकूट पहुंचा जहां पर सही तरीके से इलाज नहीं होने के चलते पीड़ित बाबा जान अपना इलाज कराने सतना चला गया l

इसी बीच वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला ने बाबा जान व गोरेलाल के विरुद्ध वन अधिनियम के तहत केस काट दिया और थाना मारकुंडी में मुकदमा पंजीकृत करवा दिया वहीं जब पीड़ित बाबा जान ने मारकुंडी थाना में प्रार्थना पत्र दिया तो वहां पर थाना प्रभारी द्वारा मुकदमा नहीं दर्ज़ किया गया जबकि थाना प्रभारी मनीष कुमार घटना स्थल पर जाकर जांच भी की थी l

पीड़ित बाबा जान द्वारा जिलाधिकारी महोदय व पुलिस अधीक्षक महोदय को प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई गई थी लेकिन इसके बावजूद भी पीड़ित की गुहार किसी ने नहीं सुनी, थक हारकर पीड़ित बाबा जान ने माननीय न्यायालय की शरण ली और 156(3) के तहत न्यायालय में अर्जी दी जिसमें माननीय न्यायालय के आदेश पर उपरोक्त मामले की जांच कराई गई l

उप निरीक्षक ने माननीय न्यायालय को भेजी फर्जी जांच रिपोर्ट, घटना का दिन और समय दिया बदल,आरोपियों को बचाने का किया प्रयास…

27अक्टूबर 2023को उप निरीक्षक प्रभाशंकर सचान ने माननीय न्यायालय को भेजी गई रिपोर्ट आख्या में मामले को ही पूरी तरह बदलने का काम किया जिसमें उप निरीक्षक ने रिपोर्ट में दर्शाया की 28सितंबर 2023को लगभग दोपहर 2बजे रानीपुर टाइगर रिजर्व मारकुंडी रेंज प्रथम के (कोर जोन) डोंडा माफ़ी बीट के जंगल में बाबाजान व गोरेलाल बेस कीमती लकड़ी का कटान कर रहे थे तभी गस्त में आए उमेश कुमार शुक्ला व सुदेश कुमार सिंह को देखकर बाबा जान व गोरेलाल भागने लगे तभी खर पतवार में फंसकर गिर गए जिसके कारण इनके शरीर में चोटें आई हैं व जांच रिपोर्ट में यह भी दर्शाया की वन कर्मियों द्वारा कोई हाथापाई नहीं की गई है l इनके द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं l

वन्य जीव रक्षक सहित अन्य वन कर्मियों को बचाने के लिए उप निरीक्षक प्रभा शंकर सचान ने माननीय न्यायालय में गलत रिपोर्ट आख्या पेश की है उप निरीक्षक प्रभा शंकर सचान ने रिपोर्ट आख्या में घटना का दिनांक 28सितंबर 2023 समय लगभग दोपहर 2बजे दर्शाया जा रहा है जबकि घटना 23सितंबर 2023 की है इसी दिन वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला व अन्य वन कर्मियों द्वारा गरीब आदिवासी बाबा जान व गोरेलाल के साथ मारपीट करते हुए पैर तोड़ दिया गया था दिनांक 23सितंबर 2023 को पीड़ित बाबा जान अपना इलाज कराने ज़िला चिकित्सालय पंहुचा था व सही तरीके से इलाज नहीं होने के चलते पीड़ित दिनांक 24 सितंबर 2023 को सतना हास्पिटल सतना पहुंचा था पीड़ित बाबा जान 24सितंबर को सतना हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था और 30सितंबर को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ था अभी भी पीड़ित बाबा जान का इलाज़ चल रहा है व घर में पड़ा रहता है l

*मारकुंडी रेंज प्रथम के डोंडा माफ़ी बीट के कोर जोन क्षेत्र के पहाड़ों में मनमाने तरीके से कराया जा रहा पत्थर का अवैध खनन…*

सूत्रों के अनुसार पता चला है कि रानीपुर टाइगर रिजर्व चित्रकूट के मारकुंडी वन रेंज के डोंडा माफ़ी बीट में वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला व अन्य वन कर्मियों की मनमानी खूब देखने को मिल रही है जो डोंडा माफ़ी बीट के कोर जोन क्षेत्र के पहाड़ों से पत्थर का खनन करवा कर मनमाने तरीके से बेचने का काम करते हैं व इन्हीं पत्थरों से डोंडा माफ़ी बीट अंतर्गत चेकडैम का निर्माण व कुओं का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसमें ठेकेदार से मिलीभगत कर वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला सरकारी वन संपदा को क्षति पहुंचाने का काम कर रहा है वहीं कार्यदाई संस्था लघु सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी स्थानीय खनिज सामग्री से निर्मित चेकडैम, कुओं व तालाबों के कार्यों को क्लीन चिट देते हुए नजर आ रहे हैं जबकि पत्थर आदि सामग्री स्थानीय पहाड़ों की ही उपयोग में लाई जा रही है l

*ग्रामीणों का आरोप… वन कर्मियों द्वारा खनन कराकर बेचे जाते पत्थर, किसी ने किया विरोध तो करवा दिया जाता है मुकदमा दर्ज*

वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने दबी जुबान में बताया कि वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला व अन्य वन कर्मियों द्वारा डोंडा माफ़ी बीट के कोर जोन क्षेत्र के पहाड़ों में मनमाने तरीके से पत्थर का खनन करवाया जाता है जब भी कोई स्थानीय ग्रामीण इनकी मनमानी पर आवाज़ उठाता है तो उनके विरूद्ध वन अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करवाया जाता है और मारकुंडी थाना पुलिस की मिलीभगत से जेल भेजने का काम किया जाता है l

सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला व अन्य वन कर्मियों ने मिलकर आदिवासी समाज के गरीब बाबा जान व गोरेलाल को मारा पीटा था जिससे बाबा जान का दाहिना पैर टूट गया था जिसमें पुलिस द्वारा एफ आई आर तक दर्ज़ नही की गई थी जिसके कारण पीड़ित माननीय न्यायालय की शरण में गया था जिसकी जांच पुलिस को मिली थी जिसमें उप निरीक्षक प्रभा शंकर सचान ने माननीय न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट आख्या को फर्जी तरीके से पेश कर मामले का रुख मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है l

अब देखना यह है कि वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला व अन्य वन कर्मियों की क्रूरता के शिकार गरीब आदिवासी बाबा जान व गोरेलाल के साथ हुई मारपीट मामले व रानीपुर टाइगर रिजर्व चित्रकूट के मारकुंडी रेंज प्रथम के डोंडा माफ़ी बीट (कोर जोन) क्षेत्र में कराए जा रहे पत्थरों के अवैध खनन की जांच कराकर ज़िला प्रशासन आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही करने का काम करेगा या फिर वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला व अन्य वन कर्मियों की क्रूरता का दंश ऐसे ही कोल आदिवासी समाज के लोग झेलते रहेंगे और वन्य जीव रक्षक उमेश कुमार शुक्ला व अन्य वन कर्मियों की मनमानी के चलते पहाड़ों में ऐसे ही अवैध पत्थर खनन बदस्तूर जारी रहेगा यह एक बड़ा सवाल है l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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