दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ: सियासी लिहाज से सबसे अहम माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में अभी भी कई सीटें ऐसी हैं, जहां प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं हो सका है। पहले चरण का मतदान बीत जाने के बाद भी राजनीतिक दल प्रत्याशी चयन को लेकर फैसला नहीं ले पा रहे हैं। ऐसी ही अहम सीटों में शामिल है- राजधानी लखनऊ से सटी रायबरेली लोकसभा सीट, कैसरगंज सीट, जहां से बृजभूशण शरण सिंह खुद में ही फैक्टर हैं और रॉबर्ट्सगंज। लेकिन इस बार एनडीए सहयोगी अनुप्रिया पटेल भी कसमकश में हैं। विपक्षी दलों का भी यही हाल है।
कई सारी लोकसभा सीटों पर भाजपा की तरफ से प्रत्याशी फाइनल नहीं किया गया है। यूपी की बात करें तो कैसरगंज और रायबरेली प्रमुख हैं। कैसरगंज पर बृजभूषण शरण का टिकट फंसा है। वहीं गांधी परिवार का गढ़ रहे रायबरेली में इस बार सोनिया गांधी के नहीं लड़ने से बीजेपी सीट अपनी ही झोली में मानकर चल रही है। हालांकि अभी तक किसी को भी टिकट नहीं दिया गया है। यहां अदिति सिंह और दिनेश सिंह के साथ ही सपा खेमे से क्रॉसवोटिंग करके आए मनोज पांडेय पर भी दांव लगाया जा सकता है।
अब बची रॉबर्ट्सगंज सीट एनडीए सहयोगी अपना दल के खाते में आई है। यहां से अनुप्रिया पटेल को टिकट फाइनल करना है लेकिन अभी तक किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। दरअसल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) को 2014 और 2019 के चुनाव में समझौते में 2-2 सीटें मिली थी। 2019 के चुनाव में अपना दल एस मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज सीट पर चुनाव लड़ा था। अनुप्रिया की पार्टी इस बार के चुनाव में रॉबर्ट्सगंज के बदले अन्य दूसरी सीट मांग रही थी।
सूत्रों की मानें तो भदोही, कौशांबी, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद की सीटों पर अनुप्रिया की नजर थी। लेकिन बीजेपी के साथ बातचीत में मामला फाइनल नहीं हो सका। भाजपा इन सभी जगहों पर एक-एक कर प्रत्याशी उतार चुकी है। अब रॉबर्ट्सगंज सीट ही बाकी बची है, जिसे लेकर बीजेपी और अपना दल कैम्प में माथापच्ची जारी है।
कुछ यही हाल कांग्रेस पार्टी का है। अमेठी से राहुल गांधी की हार और रायबरेली से सोनिया गांधी के इस्तीफे के बाद से दोनों ही सीटों पर कांग्रेस अभी तक फैसला नहीं ले पाई है। इंडी गठबंधन के तहत यूपी की 80 सीटों में से 17 सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं। दो को छोड़कर बाकी जगह प्रत्याशियों का ऐलान हो चुका है।
अब देखना है कि क्या खुद राहुल और प्रियंका गांधी इन सीटों से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरते हैं या पार्टी हाईकमान की तरफ से कुछ और फैसला लिया जाता है।
इसी तरह अखिलेश यादव भी कन्नौज सीट को लेकर पसोपेश में हैं। कई लोग मानकर चल रहे हैं कि वह यहां से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। इसके साथ ही फतेहपुर, कौशांबी, कैसरगंज, रॉबर्ट्सगंज में भी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है।
Author: samachar
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