सुरेंद्र मिन्हास की रिपोर्ट
भराडी के देहरा ठारु में चल रही श्री रामायण कथा के पांचवें दिन कथा वाचक पंडित अखिलेश कपिल ने श्री राम जन्म के पांच कारण तुलसी दास जी कथा में बताते हैं।
पहला भगवान के द्वारपाल जय विजय को ऋषियों का श्राप वही द्वारपाल रावण और कुंभकरण बने दूसरा नारद जी द्वारा भगवान विष्णु को श्राप तीसरा मनुऔर सतरूपा को भगवान का वरदान भगवान का पुत्र रूप में प्राप्त होना तथा प्रताप भानू को ऋषियों का श्राप वही प्रताप भानू रावण बना और अब भगवान राम दसरथ के यहां पुत्र बन कर आए।
इसके उपरांत कथा वाचक- पण्डित अखिलेश जी ने सुनाया कि तुलसी दास जी कहते हैं कि श्री राम जी अयोध्या में अवतरित होते हैं सारी अयोध्या में आनद छा जाता है । राजा दशरथ आनंदित हो जाते हैं सभी को मनचाहा उपहार देते हैं,और आज श्री राम का दर्शन करने शिव और काक भुसुंडी आते हैं! राम मधुर मधुर बाल लीलाएं करते हैं!गुरु वसिष्ठ जी चारों भाइयों का नामकरण संस्कार करते हैं! समय परंत श्री राम जी तथा सारे भाई विद्या ग्रहण करने जाते हैं और आज विश्वामित्र जी राम लखन को लेने आते हैं और राम विश्वामित्र जी के यज्ञ की रक्षा करते हैं बाद में विश्वामित्र जी के साथ राम जनक पूरी जाते हैं और मां सीता जी के साथ श्री राम तथा चारों भाइयों का विवाह पूर्ण होता है।
आज छुट्टी का दिन होने के कारण श्री राम भक्तों की अच्छी खासी संख्या कथा श्रवण के लिये उमड़ी ।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."