आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: बीजेपी ने विधानपरिषद चुनाव के लिए सात प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इसमें तीन प्रत्याशियों को रिपीट किया गया है। जिन्हें दोबारा मौका दिया गया है, उनमें डॉ. महेंद्र सिंह, अशोक कटारिया और विजय बहादुर पाठक शामिल हैं। सूची में फिलहाल कोई पैराशूट चेहरा नहीं है। चुने गए सभी चेहरे भाजपा संगठन में अलग-अलग समय में अहम भूमिकाओं में रहे हैं या सरकार में पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
नामों के चयन के जरिए बीजेपी ने सामाजिक समीकरण तो साधे ही हैं, साथ ही कार्यकर्ताओं का भी ‘हौसला’ बरकरार रखने की कोशिश की गई है।
कार्यकर्ताओं पर भरोसा, जातीय समीकरण भी परोसा
बीजेपी ने 13 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में अपने कोटे से सिर्फ सात प्रत्याशी उतारे हैं। इन सात प्रत्याशियों में सभी संगठन से जुड़े रहे हैं। आजमगढ़ के रहने वाले ब्राह्मण बिरादरी के विजय बहादुर पाठक इस वक्त प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष हैं। क्षत्रिय बिरादरी से आने वाले प्रतापगढ़ के रहने वाले डॉ. महेंद्र सिंह और गुर्जर बिरादरी से आने वाले बिजनौर के रहने वाले अशोक कटारिया भी बीजेपी और विद्यार्थी परिषद से लंबे समय से जुड़े रहे हैं।
विजय बहादुर पाठक बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रह चुके हैं। योगी सरकार 1.0 में महेंद्र सिंह और अशोक कटारिया मंत्री रह चुके हैं। वहीं, मूल रूप से शामली की जाट बिरादरी से आने वाले और अब मुजफ्फरनगर में रहने वाले मोहित बेनीवाल पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और इस वक्त प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। मूल रूप से संतकबीर नगर के रहने वाले और अब लखनऊ में रह रहे क्षत्रिय बिरादरी से आने वाले संतोष सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं और इस वक्त प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
भूमिहार बिरादरी से आने वाले और काशी के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह बीजेपी प्रदेश संगठन में सह मीडिया प्रभारी हैं। वैश्य बिरादरी से आने वाले झांसी के पूर्व मेयर रामतीरथ सिंघल झांसी जिले के महामंत्री रह चुके हैं।
तीन सीटें सहयोगी दलों को
संख्या बल के हिसाब से बीजेपी आसानी से 10 प्रत्याशी जिता सकती है। बीजेपी ने इन 10 सीटों में से एक-एक सीट अपना दल (एस), रालोद और सुभासपा को दी है। बीजेपी की इस सूची में एक ब्राह्मण, दो क्षत्रिय, एक जाट, एक गुर्जर, एक भूमिहार और एक वैश्य हैं। बीजेपी ने सहयोगी दलों को भी जो सीटें दी हैं, उन पर पिछड़ा वर्ग से प्रत्याशी उतारे जाएंगे। अपना दल (एस) से सरकार में मंत्री आशीष पटेल का टिकट तय है। वहीं, रालोद ने योगेश चौधरी का नाम घोषित किया था। वह भी जाट बिरादरी से आते हैं। सुभासपा भी पिछड़े पर दांव लगा सकती है।
सपा छोड़कर आने वालों को मौका नहीं
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर बीजेपी में आने वाले बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह और डॉ. सरोजनी अग्रवाल को बीजेपी ने इस सूची में मौका नहीं दिया है। इसके अलावा योगी सरकार 1.0 में मंत्री रहे मोहसिन रजा को भी इस सूची में मौका नहीं मिला है।
बीजेपी ने इस सूची में जिन और लोगों को जगह नहीं दी है, उनमें विद्या सागर सोनकर, निर्मला पासवान और अशोक धवन भी शामिल हैं।
Author: samachar
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