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November 22, 2024 5:43 pm

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पीतल के गोदाम वाले दो दिलों का होगा मिलन ; डॉन वाली शादी के इस किरदार को जानते हैं आप❓

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

साल 2015 में एक फिल्म रिलीज हुई…तेवर। इसमें मनोज बाजपेई बाहुबली के किरदार में थे और फिल्म की हीरोइन सोनाक्षी सिन्हा को शादी के प्रपोज करने उनके कॉलेज पहुंच जाते हैं। बीच कॉलेज में जब उनके प्रपोजल को बेहद बेकद्री से ठुकरा दिया जाता है, तो मनोज बाजपेई सोनाक्षी से कहते हैं, ‘क्यों जी? क्या कमी है मुझमें…माना कि बदमाश हूं, कुछ मर्डर-मार्डर कर रखे हैं, लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि मैं प्यार नहीं कर सकता…।’ इसके बाद मनोज बाजपेई अपने दिल की तरफ इशारा करके बोलते हैं, ‘यहां, मैडम यहां… सिर्फ पीतल का गोदाम नहीं है, रोज़ का गार्डन भी है।’

खैर, फिल्म में मनोज बाजपेई की मोहब्बत तो मुकाम तक नहीं पहुंची, लेकिन अब रियल लाइफ में ‘पीतल के गोदाम’ वाले दो दिलों का मिलन होने जा रहा है। बात हो रही है दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में दहशत मचाने वाले गैंगस्टर और काला जठेड़ी के नाम से कुख्यात संदीप और पुलिस रिकॉर्ड में मैडम मिंज के नाम से जानी जाने वाली उसकी प्रेमिका लेडी डॉन अनुराधा की। ये दोनों गैंगस्टर 12 मार्च को शादी करने जा रहे हैं और इसके लिए काला जठेड़ी को कोर्ट से 6 घंटे की कस्टडी पैरोल भी मिल गई है।

कौन है लेडी डॉन अनुराधा?

राजस्थान के सीकर में एक गांव है-अल्फासर, जहां एक सरकारी बाबू के घर अनुराधा उर्फ मिंटू नाम की बच्ची का जन्म हुआ। मां बचपन में ही चल बसीं और बाप ने मिंटू को पालकर बड़ा किया। उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि यही मिंटू आगे चलकर मैडम मिंज के नाम से जानी जाएगी। 

अनुराधा बड़ी हुई तो बीसीए की डिग्री ली और सोचा कि क्यों ना स्ट्रॉक ट्रेडिंग में हाथ आजमाए जाएं। सबकुछ ठीक चल भी रहा था, पैसा बरस रहा था…लेकिन उसी दौरान अनुराधा के पार्टनर ने उसके साथ धोखेबाजी की और बिजनेस बैठ गया। नतीजा ये हुआ कि अनुराधा करोड़ों के कर्ज में डूब गई।

कर्ज के बोझ में दबी अनुराधा ने पुलिस से भी गुहार लगाई, लेकिन जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो उसने गैंगस्टर आनंदपाल की शरण ली और उसके लिए काम करने लगी। बस यहीं से अनुराधा का वो सफर शुरू हुआ, जिसके बाद उसकी पहचान लेडी डॉन और मैडम मिंज के नाम से होने लगी। 

हालांकि, अनुराधा को जब जमानत मिली तो उसने कोर्ट में पुलिस को भरोसा दिया कि अब दोबारा जुर्म की दुनिया में वो नहीं लौटेगी। फिलहाल, अनुराधा हरियाणा में सोनीपत के जठेड़ी गांव में काला जठेड़ी के बूढ़े मां-बाप के साथ रहकर, उन्हीं की सेवा-पानी में लगी रहती है।

ऐसे परवान चढ़ा काला जठेड़ी और अनुराधा का इश्क

साल 2020 में, जिस वक्त देश में कोविड महामारी की दहशत फैली हुई थी, उसी दौरान उत्तराखंड के गढ़वाल में काला जठेड़ी और अनुराधा का इश्क परवान चढ़ रहा था। दरअसल, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करने वाले काला जठेड़ी के ऊपर मर्डर, किडनैपिंग और फिरौती के करीब 40 मामले दर्ज थे, जिनके लिए पुलिस उसकी तलाश में थी।

दूसरी तरफ, आनंदपाल गैंग से जुड़ी अनुराधा भी साल 2017 में आनंदपाल का एनकाउंटर होने के बाद उसके कट्टर दुश्मन राजू बसौदी और पुलिस के रडार पर थी। छिपती-छिपाती अनुराधा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आई और यहीं साल 2019 में उसकी मुलाकात काला जठेड़ी से हुई।

पुलिस से बचने के लिए काला जठेड़ी और अनुराधा उत्तराखंड के गढ़वाल पहुंचे और यहीं वादियों में एक दूसरे को दिल दे बैठे। यहां 9 महीनों तक कभी मसूरी, कभी देहरादून तो कभी रानीखेत…

पुलिस की आंख में धूल झोंककर दोनों छिपते रहे और इनके बीच नजदीकी भी बढ़ने लगी। जुलाई 2021 में दोनों पुलिस के हत्थे चढ़े और यूपी के सहारनपुर से इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

काला जठेड़ी और अनुराधा को अलग-अलग जेल में रखा गया, लेकिन सलाखों के बीच भी दोनों की मोहब्बत जारी रही और जेल अलग होने के बावजूद काला जठेड़ी और अनुराधा की मुलाकातें होने लगीं। बताया जाता है कि दोनों की मुलाकात कराने में लॉरेंस बिश्नोई का अहम रोल रहता था।

अनुराधा को बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन काला जठेड़ी अभी भी जेल में बंद है। फिलहाल, जेल में कैदियों से मुलाकात का जो आम नियम है, उसी के तहत अनुराधा अपने प्रेमी काला जठेड़ी से मिलने जाती है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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