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November 22, 2024 7:23 pm

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53 साल बाद ‘रणभूमि’ से दूर हुआ चौधरी परिवार ; 24 के चुनाव में खुद के लिए वोट नहीं मांगेंगे जयंत चौधरी

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पाला बदलकर NDA में शामिल होने वाले जयंत चौधरी ने अपने हिस्से में आई दोनों लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। 

राष्ट्रीय लोकदल ने बागपत लोकसभा सीट से पार्टी के सीनियर कार्यकर्ता डॉ. राजकुमार सांगवान को टिकट दिया है जबकि बिजनौर लोकसभा सीट से अपने विधायक चंदन चौहान पर भरोसा जताया है। 

चंदन चौहान गुर्जर बिरादरी से आते हैं।इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि जयंत बागपत लोकसभा सीट से खुद चुनाव लड़ सकते हैं या अपनी पत्नी चारू को प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं लेकिन जब रालोद प्रत्याशियों की लिस्ट जारी हुई तो सभी हैरान रह गए। 

पिछले 53 सालों में यह पहली बार है जब चौधरी परिवार का एक भी सदस्य लोकसभा चुनाव में किस्मत नहीं आजमा रहा है।

बागपत लोकसभा सीट को रालोद की परंपरागत सीट माना जाता है। पिछले चुनाव में जयंत चौधरी ने यहां से किस्मत आजमाई थी, 2014 में उनके पिता अजित सिंह यहां से चुनाव लड़े थे। इसी वजह से यह माना जा रहा था कि चौधरी परिवार इस सीट को अपने पास बरकरार रखेगा लेकिन जयंत चौधरी ने डॉ. राजकुमार सांगवान को प्रत्याशी बनाकर अपनी बिरादरी में पॉजिटिव मैसेज देने की कोशिश की है।

कब-कब कहां-कहां से लोकसभा चुनाव लड़ा चौधरी परिवार और क्या रहा परिणाम

साल लोकसभा सीट प्रत्याशी परिणाम

2019 मुजफ्फरनगर अजीत सिंह हार

बागपत जयंत चौधरी हार

2014 बागपत अजीत सिंह हार

मथुरा जयंंत चौधरी हार

2009 बागपत अजीत सिंह जीत

मथुुरा जयंत चौधरी जीत

2004 बागपत अजीत सिंंह जीत

1999 बागपत अजीत सिंह जीत

1998 बागपत अजीत सिंह हार

1996 बागपत अजीत सिंह जीत

1991 बागपत अजीत सिंह जीत

1989 बागपत अजीत सिंह जीत

1984 बागपत चरण सिंह जीत

1980 बागपत चरण सिंंह जीत

1977 बागपत चरण सिंह जीत

1971 बागपत चरण सिंह हार

कब-कब चुनाव हारा चौधरी परिवार?

चौधरी परिवार के लिए बीते दो लोकसभा चुनाव बेहद खराब रहे। अजित सिंह और जयंत चौधरी 2019 में सपा-बसपा से गठबंधन के बाद भी क्रमश: मुजफ्फरनगर और बागपत सीट हार गए। इससे पहले दोनों बाप-बेटे कांग्रेस के साथ होने के बाद भी 2014 में बागपत और मथुरा सीट हारे। 

2009 के लोकसभा चुनाव में रालोद बीजेपी के साथ थी, जब अजित चौधरी बागपत लोकसभा से और जयंत चौधरी मथुरा लोकसभा सीट जीतकर संसद पहुंचे थे। 

जयंत चौधरी के दादा चौधरी चरण सिंह साल 1971 का लोकसभा चुनाव हारे थे। उनके पिता 1998 में बीजेपी के सोमपाल शास्त्री से चुनाव हारे थे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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