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November 1, 2024 3:57 pm

अपनी शान में दूसरों की आन … आर के सिंह पटेल पुनः भाजपा प्रत्याशी ; ऐसे उम्मीदवार से क्या बीजेपी अपना भविष्य तय कर पाएगी❓

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 आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

बांदा जैसा की आप सभी जानते हैं की आगामी लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही जहाँ राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशी घोषित करना प्रारंभ कर दिये हैं वहीं भाजपा द्वारा चित्रकूट बांदा संसदीय क्षेत्र से सांसद आर के सिंह पटेल को पुनः प्रत्याशी बनाये जाने पर पार्टी समर्थकों सहित लोगों में जीत को लेकर बड़ी ऊहापोह की स्थिति बनी हुयी है।

उनका मानना है कि पाठा क्षेत्र के दस्युओं के रहमोकरम पर चुनाव जीतने वाला प्रत्याशी आज जब दस्युओं का सम्पूर्ण खात्मा हो चुका है तथा पिता पुत्र द्वारा सत्ता के दम पर भ्रष्टाचार की सीमा को लांघते हुये अवैध खनन, भूमाफियागिरी, के साथ साथ गरीब जनता के साथ अक्खड़ पन का ब्यवहार रखने तथा प्रशासनिक धन का दुरूपयोग कर कुर्सी के धमक में मदमस्त होकर पिता पुत्र द्वारा अकूत सम्पत्ति एकत्र करते हुये जनता की फरियाद को अनसुनी कर उनसे अभद्रता करने जैसे ऐसे कई समाज विरोधी कार्यो को अंजाम देने में मशगूल रहे।

इन्होंने पूरे पांच वर्षों तक अपने संसदीय क्षेत्र में जातीयता को बढ़ावा देते हुये सिर्फ मनमानी ही की है तो फिर ऐसे में इनका पुन:प्रत्याशी बनाना आखिर परिणाम क्या सामने आयेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता किन्तु इनके मैदान में उतरने से इस संसदीय क्षेत्र के लोगों में बड़ा विरोधाभास नजर आ रहा है तथा सपा से इन्ही के स्वजातीय प्रत्याशी घोषित होने के चलते इनके वोटों की गुल्लक में भी सेंधमारी होना तय है ऐसे में जीत का दावा करने वाले इन भाजपा प्रत्याशी के काले कारनामों से परिचित लोगों ने पार्टी हाईकमान के निर्णय पर प्रश्नचिन्ह सा लगा दिया है!

इसके अलावा दस्युओं के खात्मे के बाद जहां चित्रकूट की जनता आजअपने आप को सुरक्षित महसूस करने लगी थी वहीं सत्ताधारी दल भाजपा ने आर के सिंह पटेल को टिकट देकर यहाँ के भी रहवासियों को चौंकाने वाला निर्णय लिया है जिससे यहाँ भी आम जनमानस में भारी विरोधाभास देखने को मिल रहा है जिसके कारण चित्रकूट जिले की जनता अपने आप को छला हुआ महसूस कर रही है जनता को यह बात हजम नहीं हो रही है कि दस्युओं के दम पर चुनावी नैय्या पार लगाने वाले आर के सिंह पटेल दस्युओं के खात्मे के बाद चुनावी नैय्या पार लगा पाएंगे अथवा..?

सूत्रों के अनुसार बहुजन समाज पार्टी से राजनीति का ककहरा सीखने वाले आर के सिंह पटेल पूर्व में दस्युओं के ही दम पर सदर विधानसभा कर्वी से दो बार बसपा से विधायक जीत ली थी तथा मंत्री भी बने थे।

वहीं समाजवादी पार्टी से सांसद चुने गए थे जिसमें दस्यु सम्राट शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ व दस्यु सम्राट सूबेदार सिंह उर्फ़ राधे के दम पर चुनावी नैय्या पार लगाई थी वहीं मानिकपुर विधान सभा में सत्ताधारी दल भाजपा से विधान सभा का चुनाव लड़ा और फिर विधायक बने तथा उन्ही के दम पर वर्ष 2019के चुनाव में सांसद बने जिसमें चर्चित दस्यु सम्राट बबुली कोल व लवलेश कोल का सहयोग प्राप्त करके विजय हासिल की इसके साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ने के बाद पुन: विधायक व मंत्री का पद हासिल किया,फिर समाजवादी पार्टी से सांसद व सत्ताधारी दल भाजपा से विधायक और सांसद रहते हुए आर के सिंह पटेल ने दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की है जिसमें अवैध रूप से चल अचल संपत्तियां बनाई है वहीं सांसद पुत्रों द्वारा भी अवैध रूप से दबंगई के साथ अकूत संम्पत्तियां बनाई गई हैं।

इतना ही नहीं सांसद पुत्रों द्वारा अपने पिता के पद व रसूख के चलते अवैध तरीके से अवैध खनन ओवर लोडिंग वाहन बेखौफ चलाए गए है तथा विभागों में अपनी फर्मों के नाम पर मनमाने तरीके से टेंडर जारी कराकर मनमानी करते हुये गुणवत्ता विहीन कार्य कराकर सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया गया है।

सूत्रों के अनुसार यह भी पता चला है कि सांसद आर के सिंह पटेल द्वारा छत्रपति शाहूजी महाराज इण्टर कॉलेज रगौली का निर्माण ग्राम सभा की ज़मीन पर ही कराया गया तथा बाउंड्री वॉल के अंदर जो सरकारी तालाब था उसमें कब्ज़ा भी कर रखा गया है जिसमें गत वर्ष लाखों रुपए की लागत सेअमृत सरोवर के नाम से लाखों रुपए का बंदरबाट किया गया है वहीं भगवान दीन महाविद्यालय रगौली का निर्माण भी ग्राम सभा रगौली की चारागाह की जमीन पर कराकर इनकी आड़ में सरकारी जमीनों को हड़पने का काम किया गया है l

सांसद पुत्र द्वारा सरकारी विभागों में इनके पद का दुरुपयोग करते हुए ठेकेदारी कर गुणवत्ता विहीन कार्य कराकर सरकारी धन को ठिकाने लगाना आज वृहद् चर्चा का विषय बना हुआ है तथा आम जनमानस के बीच यह चर्चा जोरों पर हो रही है कि आखिर आर के सिंह पटेल को सत्ताधारी दल भाजपा ने टिकट कैसे दे दिया। 

वर्तमान में आम जनमानस के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि सत्ताधारी दल भाजपा ने बिना सर्वे कराए ही आर के सिंह पटेल को टिकट दे दिया है अगर बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र में सत्ताधारी दल भाजपा ने यदि आज सही तरीके से सर्वे कराया तो आर के सिंह पटेल को किसी भी कीमत पर टिकट नहीं दे सकती थी l

बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र के अति पिछड़े इलाके मानिकपुर व बरगढ़ में कोल आदिवासियों की संख्या बाहुल्य है जहां से प्रत्याशी की हार जीत का फैसला होता है।

सत्ताधारी दल भाजपा के वर्तमान सांसद व घोषित प्रत्याशी आर के सिंह पटेल का एक वीडियो भी सोशलमीडिया में जमकर वायरल हो रहा है जिसमें सांसद आर के सिंह पटेल द्वारा कोल आदिवासियों के साथ अभद्रता की जा रही है जिसके कारण कोल आदिवासी समाज के लोगों में काफ़ी रोष देखने को मिल रहा है l

सवाल यह भी उठ रहा है कि जिस अनुसूचित जाति व कोल आदिवासियों की वोटों से आर के सिंह पटेल चुनावी नैय्या पार लगाते चले आ रहे हैं आज़ उन्हीं कोल आदिवासियों के साथ अभद्रता करना वर्तमान सांसद व सत्ताधारी दल के प्रत्याशी को भारी महंगा पड़ने की पूरी आशंका है l

वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे वर्तमान सांसद व घोषित प्रत्याशी आर के सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाए जाने पर ब्राह्मण समुदाय भी बहुतायत में नाखुश नज़र आ रहा है जिसके कारण बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र में आर के सिंह पटेल को इसबार चुनावी नैय्या पार लगाने में शायद काफ़ी मशक्कत करनी पड़ेगी l

भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना दिखाने वाली सत्ताधारीभाजपा ने भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे वर्तमान सांसद आर के सिंह पटेल को आखिर टिकट कैसे दे दिया यह सवाल आज चारों तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है l

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."