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9 January 2025 12:31 pm

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कट गया टिकट बृजभूषण शरण सिंह का.. आखिर कौन कौन सी बात आडे आई? पढिए पूरी खबर

49 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

कैसरगंज से बीजेपी के सांसद और बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कट गया है। बीजेपी की ओर से शनिवार को भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला पहलवानों पर यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद विवाद में आये बृजभूषण शरण सिंह पर गाज गिरी है। 

इसके पहले भारतीय कुश्ती संघ के पद पर निर्वाचित उनके करीबी संजय सिंह को निलंबित कर दिया गया था। वह लगातार विवादों में रहे हैं और वह यूपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं। 

बृजभूषण शरण सिंह छह बार संसद सदस्य हैं। उन्होंने पांच बार भाजपा से और एक बार समाजवादी पार्टी से जीत हासिल की है। वह पहली बार साल 1991 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में गोंडा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। साल 1999 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से 13वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए और 2004 में वह भाजपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से निर्वाचित हुए। 

फिलहाल कैसरगंज से बीजेपी के सांसद

साल 2008 के लोकसभा विश्वास मत के दौरान संसद में क्रॉस-वोटिंग के लिए भाजपा द्वारा उन्हें निष्कासित किए जाने के बाद 20 जुलाई 2008 को वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। 

साल 2009 में वह उत्तर प्रदेश राज्य के कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए। बाद में वह 16वें आम चुनाव से कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और वर्तमान में भाजपा से 17वीं लोकसभा के सदस्य हैं। 

विवाद से पुराना रिश्ता रहा है बृजभूषण शरण सिंह का

सांसद बृजभूषण शरण सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। उन्हें बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में गिरफ्तार किया गया था और दाऊद इब्राहिम गिरोह के शूटरों को शरण देने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून टाडा के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया। 

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बृजभूषण सिंह के खिलाफ 1974 से 2007 के बीच 38 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। विशेष रूप से चोरी, डकैती, हत्या, आपराधिक धमकी, हत्या का प्रयास और अपहरण सहित विभिन्न आरोपों के लिए सख्त गैंगस्टर और गुंडा अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, हालांकि उन्हें बरी कर दिया गया था। उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार अधिकांश मामलों का जिक्र किया गया है। 

महिला पहलवानों के आरोप के बाद गिरी गाज

भारत की शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद वह लगातार सुर्खियों में रहे थे। 1 नाबालिग सहित 7 महिला पहलवानों ने उनके खिलाफ एफआईआर में गवाही दी थी। साक्षी मलिक और विनेश फोगट जैसे पहलवानों ने उनके खिलाफ जंतर मंतर में धरना दिया था। 

संजय सिंह को कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाये जाने के विरोध में ओलंपिक में मेडल विजेता पहली भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने संन्याय ले लिया था और बजरंग पूनिया ने पद्म श्री सम्मान लौटा दिया था। बाद में खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ और निर्वाचन को निलंबित कर दिया। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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