आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा आजकल राजनीति एक ऐसा पेशा बन चुकी है जिसकी आड़ में अपनी कुर्सी के दम पर ज्यादातर राजनेता अपना पावर दिखाते हुये सिर्फ लूटऔर गुण्डई की इबारत लिखने में ही मशगूल रहते हैं जिसका सारा दारोमदार इनके आकाओं को जाता है। इनके दम पर अबैध खनन माफिया सरेआम अपने अबैध खनन कार्य को अंजाम देने में मशगूल रहते हैं।
पूरा मामला गिरवां थाना अंतर्गत बरियारी खदान का है जहां खनन माफिया दबंगई के साथ अवैध कार्यों में संलिप्त रहते हुये किसी के भी विरोध करने पर यह लोग किसी के भी साथ सारी सीमायें लांघते हुये कुछ भी कर गुजरते हैं। भले ही वह कितना भी बड़ा अपराध क्यों ना हो । कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है बांदा जनपद के थाना गिरवां क्षेत्र के बरियारी गांव का ।
जहां ग्रामीणों की सूचना पर जिले के चार पत्रकार अवैध खनन की खबर कवरेज करने गांव के रास्ते से होकर खेतों में गए थे। तभी खदान मालिक संजू गुप्ता के गुंडे तथा शैलेंद्र यादव जो अपने आप को अखिलेश यादव का सगा भाई बताता है, सहित लगभग आधा दर्जन गुंडों ने उन्हें घेर लिया और बेवजह मारपीट शुरू कर दी। मोबाइल, कैमरा और अन्य सामान लूट भी लिया और कहा हम जिले के अधिकारियों को खरीदकर अपनी जेब में रखते हैं तभी दिन रात बेधड़क बेखौफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं। हमारा कोई भी कुछ नही बिगाड़ लेगा। तुम लोग यदि दोबारा यहां फोटो खींचने आए तो तुम सबको गोली मारकर इन्ही मशीनों से नदी में दफन कर देंगे। इतना ही नहीं इन गुंडों ने पत्रकार भाग ना सकें इसलिए सभी पत्रकारों की मोटर साइकिलों के टायर भी पंचड़ कर दिए। आखिर किसी तरह पत्रकार भागकर अपनी जान बचाकर गांव की ओर भागे और डायल 112 सहित जिले के पुलिस अधिकारियों को घटनाक्रम की सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची 112 डायल की पुलिस ने खदान जाकर सारा समान बरामद कराया और आरोपियों को तलाशती रही पर वह खदान से भाग चुके थे। जिसकी शिकायत जिला के आधा सैकड़ा पत्रकारों ने एकत्र होकर पुलिस अधीक्षक से की है।
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वहीं अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया की पत्रकारों के साथ मारपीट की सूचना मिली है जिसकी जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी वहीं पत्रकारों से छीना हुआ सामान भी 112 डायल की पुलिस ने बरामद कर पत्रकारों को सौंप दिया है।
विस्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस खदान में एक पूर्व विधायक सांसद सहित प्रांतीय एवं राष्ट्रीय नेताओं की अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी है। जिसके चलते जिले के स्थानीय अधिकारियों से लेकर बरिष्ट अधिकारी कार्यवाही करने में हिचक महसूस करते हैं और इन अबैध खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं । पर उन्हें यह नहीं मालूम कि जब विदेशी हुकूमत कलम को नहीं झुका सकी तो इन अबैध खनन माफियाओं की औकात क्या है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."