इरफान अली लारी की रिपोर्ट
कुशीनगर। अलग पार्टी बनाकर नई राजनीतिक राह पर निकले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को सीजेएम अदालत, पडरौना ने समन जारी कर 28 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। मामला चुनाव आचार संहिता व निषेधाज्ञा के उल्लंघन का है।
मामले में रामकोला थाने में उन पर 2022 में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस मामले में अब तक वह अदालत में हाजिर नहीं हुए हैं। वर्ष 2022 में 28 फरवरी को रामकोला थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह ने एफआईआर दर्ज करायी थी। इसमें प्रभारी निरीक्षक ने बताया था कि उस दिन वह अपने हमराहियों के साथ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भ्रमण पर थे।
रात करीब 11 बजे थाना क्षेत्र के कुसम्हा गांव में रामकोला विधानसभा से प्रत्याशी पूर्णमासी देहाती के पक्ष में झंडा लगाकार ध्वनि विस्तारक यंत्र से स्वामी प्रसाद मौर्य सभा कर रहे थे। मौके पर पहुंच कर चेक किया गया तो सामने आया कि बिना अनुमति स्वामी प्रसाद मौर्य नुक्कड़ सभा कर रहे थे। ऐसा कर आचार संहिता व जिले में लागू निषाधाज्ञा का उल्लंघन किया ज रहा था। इसी मामले को लेकर अदालत में सुनवाई चल रही है। सीजेएम पडरौना की अदालत ने मामले में स्वामी प्रसाद के खरौआ कुआं, थाना ऊंचाहार, जिला रायबरेली स्थित मूल पते समन भेजते हुए आदेश दिया है कि उक्त मामले में वह स्वयं अधिवक्ता द्वारा 28 फरवरी 2024 को हाजिर हों।
स्वामी प्रसाद 2009 में बसपा के टिकट पर पडरौना सदर सीट से विधायक बने थे। 2012 में भी बसपा से जबकि 2017 में भाजपा के टिकट पर विधायकी जीते थे। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था। फिलहाल दो दिन पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा से अलग होकर नयी पार्टी बनायी है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."