दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
यूपी संभावनाओं वाला प्रदेश है। भारत की आबादी का 16 फीसदी हिस्सा अकेले यूपी में निवास करता है। उत्तर प्रदेश के पास भारत की कुल कृषि योग्य भूमि का मात्र 11 फीसदी है, लेकिन देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन का 20 फीसदी से अधिक शेयर उत्तर प्रदेश का है।
उत्तर प्रदेश के अंदर किसान औद्यानिक फसलों के लिए मात्र 10 फीसदी कृषि योग्य भूमि का ही उपयोग करते हैं, जबकि 10 फीसदी भूमि में कृषि की कुल जीडीपी में 24 फीसदी शेयर औद्यानिक फसलों के माध्यम से किसानों व प्रदेश को प्राप्त होता है। यह दिखाता है कि अन्नदाता किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाना है तो परंपरागत खेती के साथ ही औद्यानिक फसलों को बढ़ाना होगा। इसी प्रोत्साहन के लिए प्रगतिशील किसानों को आज सम्मानित किया गया। इन किसानों ने ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, पुष्पों की खेती, पॉलीहाउस के माध्यम से नया करने का प्रयास किया है। डबल इंजन की सरकार किसानों को हर परिस्थिति में आगे बढ़ने का अवसर दे रही है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। शनिवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ उन्होंने राजभवन में 55वीं प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2024 का शुभारंभ किया। इसके बाद राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। यह प्रदर्शनी तीन दिनों (17 से 19 फरवरी) तक चलेगी। सीएम ने यहां विभागीय अधिकारियों व किसानों से फलों-सब्जियों के बारे में जानकारी ली और इसके आयात-निर्यात के बारे में भी पूछा। राज्यपाल व सीएम ने स्मारिका का विमोचन भी किया।
सीएम ने राज्यपाल के प्रति जताया आभार
सीएम ने राज्यपाल के प्रति आभार जताया। बोले कि औद्यानिक फसलों में रुचि रखने वाले प्रगतिशील किसानों के लिए प्रतिवर्ष प्रदर्शनी के लिए राज्यपाल यह प्रांगण उपलब्ध कराती हैं। न केवल किसान, बल्कि लखनऊ समेत प्रदेश भर से आने वाले लोग भी इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनते हैं।
प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप किसान की आमदनी को कई गुना बढ़ाना है और प्रदेश की जीडीपी में गांव, जनपद और प्रदेश का योगदान हो सके तो हमें इस क्षेत्र में और भी रूचि लेकर बढ़ना होगा। इससे न केवल आमदनी बढ़ाने, बल्कि विटामिन व पोषक तत्वों की दृष्टि से इन औद्यानिक फसलों के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाकर कुपोषण जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए भी लोगों को तैयार कर पाएंगे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."