दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
यूपी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यह बात सामने आई है कि सिपाही के पद पर कार्यरत एक शख्स के पास 5 करोड़ रुपये की संपत्ति है। अब उन्हें भ्रष्टाचार के इल्जाम में कानपुर में अरेस्ट कर लिया गया है। अरेस्ट कांस्टेबल ने महज 11 साल की नौकरी में 5 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी। एंटी करप्शन यूनिट ने कानपुर के सिपाही के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
कानपुर के कांस्टेबल को भ्रष्टाचार के आरोप में तब पकड़ा गया जब उन्होंने दस्तावेजों में अपनी कुल आय 5 करोड़ रुपये बताई, मगर अपना खर्च 8 करोड़ रुपये दिखाया। इसके आधार पर कानपुर के भ्रष्टाचार निवारण विभाग के अफसरों ने चकेरी थाने में सिपाही के खिलाफ भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। वो उन्नाव में तैनात थे।
कॉन्स्टेबल के बंगले की कीमत 5 करोड़ से ज्यादा है। चकेरी इलाके में तैनात सिपाही श्याम सुशील मिश्रा के खिलाफ 2019 में रमाकांत पांडे नाम के शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पास आय से अधिक संपत्ति है। शिकायत में ये भी कहा गया है कि उनके पास करोड़ों का बंगला और कारें हैं। उत्तर प्रदेश के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है।
4 साल तक मामले की जांच करने के बाद अफसरों ने पाया कि कांस्टेबल ने 11 साल में 5 करोड़ 11 लाख रुपये की आय दिखाई थी, जबकि जांच के दौरान खर्च 8 करोड़ 21 लाख रुपये बताया गया था। इस तरह उनकी कमाई में 3 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी पाई गई। वह कई गलत कामों में भी शामिल पाया गया है। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."