आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद से ही यूपी के सियासी हलकों सुगबुगाहट तेज हो गई है।
अखिलेश यादव अभी जयंत चौधरी के छिटकने से संभल भी नहीं पाए थे कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन्हें झटका देते हुए महासचिव पद से इस्तीफे की पेश कर दी। हालांकि अभी गेंद अखिलेश यादव के ही पाले में है और वे समाधान निकलने की बातें कर रहे हैं।
योगी सरकार में मंत्री ए के शर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा महासचिव पद से इस्तीफा देने को सही कदम बता दिया है। चर्चा ये भी है कि स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर भाजपा में भी वापसी कर सकते हैं।
दरअसल एक तरफ जहां सपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय सचिव राम गोविंद चौधरी ने अखिलेश यादव को पत्र लिखकर उनसे मौर्य का इस्तीफा स्वीकार न करने की गुजारिश की है।
वहीं दूसरी तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य ने साफगोई के साथ कह दिया है कि गेंद अब अखिलेश यादव के पाले में है। अखिलेश ने भी नरम रुख अपनाते हुए पार्टी के अंदर बातचीत हो जाएगी और समाधान भी निकलेगा।
राम गोविंद चौधरी ने अखिलेश को लिखी चिठ्ठी
राष्ट्रीय सचिव राम गोविंद चौधरी ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर उनसे मौर्य का इस्तीफा स्वीकार न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा द्वारा फैलाए गए ‘जहर’ का मुकाबला कर रहे थे।
मौर्य ने मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था कि पार्टी नेतृत्व उनकी टिप्पणियों को लेकर उनका बचाव करने के बजाय उनके साथ भेदभाव कर रहा है।
चिठ्ठी में क्या है?
चौधरी ने सपा प्रमुख यादव को पत्र में लिखा है, ‘आपके यशस्वी नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का हर कार्यकर्ता और और नेता साम्प्रदायिकता और पाखंड के इस जहर का असर कम करने के लिए संघर्ष कर रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य भी भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस जहर का मजबूती से प्रतिवाद कर रहे हैं।
‘पदाधिकारी बने रहना समाजवादी पार्टी के हित में’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए वह भाजपा और संघ के निशाने पर हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य पिछड़े समाज से आते हैं। अपने जुझारू स्वभाव की वजह से इस समाज में उनका एक विशेष स्थान हैं। उनका पदाधिकारी बने रहना समाजवादी पार्टी के हित में है। इसलिए मेरा आग्रह है कि आप उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करें।’ मौर्य ने रामचरितमानस और अयोध्या मंदिर प्रतिष्ठा समारोह पर विवादित बयान दिये थे।
योगी सरकार के मंत्री ने ठहराया सही कदम
वहीं दो दिवसीय दौरे पर मऊ पहुंचे सूबे के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य अति उत्साहित नेता हैं और वे अति उत्साह में अक्सर बयानबाजी करते रहते हैं।
उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने के कदम को एके शर्मा ने सही कदम बताया है। एके शर्मा के स्वामी प्रसाद मौर्य पर नरम रुख को देखते हुए भी कई तरह की बातें चल रही हैं।
राजभर बोले- ड्रामा कर रहे हैं स्वामी
इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, सपा के पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख, ओम प्रकाश राजभर ने कहा, यह सिर्फ एक ड्रामा (नाटक) है। पार्टी के पद से इस्तीफा देने के बजाय, उन्हें एमएलसी पद से इस्तीफा देना चाहिए था।’
उन्होंने कहा कि ‘सपा के बल पर एमएलसी (विधान पार्षद)बने हैं और इससे इस्तीफा देंगे तब माना जायेगा कि इस्तीफा दे रहे हैं। राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिए हैं और एमएलसी बने रहेंगे, सपा में बने रहेंगे।’
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."