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November 22, 2024 10:57 pm

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ये “तीन तलाक” कबसे “तलाश” कर रहा है एक “सकून”… सवाल अपनी जगह आज भी लाजवाब खड़ा है

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पूनम कौशिक की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बांदा में तीन तलाक का मामला आया। दहेज में स्कॉर्पियो की डिमांड न पूरी होने पर पति ने पत्नी को तीन तलाक दे दिया। मामला थाना पहुंचा। पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न समेत अन्य गंभीर धारा के साथ FIR दर्ज की है। 

इस महिला से मैं मिलना चाहती थी। मैंने फोन लगाया, लेकिन परिवार वालों ने बांदा आने से मना कर दिया। उन्होंने कहा- जो पूछना है फोन पर ही पूछ लो, लेकिन रिकॉर्ड कुछ मत करना। हम लोग ऐसे ही परेशान हैं।

मैंने पूछा क्या हुआ था?

जवाब मिला- 2015 में मुस्लिम रीति रिवाज से फतेहपुर जिले में महिला की शादी हुई थी। शादी के वक्त महिला के पिता ने 15 लाख रुपए दहेज दिए थे। कुछ दिन बाद से ही ससुराल वालों ने स्कॉर्पियो कार की डिमांड करनी शुरू कर दी। कार की मांग पूरी न कर पाने पर मारपीट की गई। पति ने साल 2023 में उसे घर से निकाल दिया। इसके बाद से वो लगातार दूसरी शादी करने की धमकी देने लगा। महिला मायके में रह रही थी कि इसी बीच पति वहां आ गया। ससुराल वालों को स्कॉर्पियो न देने के लिए ताना मारने लगा। झगड़ा बढ़ गया तो उसने सबसे सामने तीन बार तलाक-तलाक बोला और वहां से निकल आया।

रोक के बावजूद आज भी ये प्रथा जारी है। ऐसी ही एक लड़की से मेरी मुलाकात मथुरा में हुई। मैं घनी आबादी वाले इलाके में इस लड़की से मिलने पहुंचती हूं। 27 साल की रोशनी (बदला हुआ नाम) की शादी मई 2022 में हुई थी। रोशनी अपनी शादी को लेकर बहुत उत्साहित थीं। परिवार की मर्जी से ही उनका निकाह हुआ था। परिवार वालों ने खर्च में कोई कमी नहीं की। इसके बावजूद शादी का पहला दिन रोशनी की जिंदगी की एक बदनुमा याद बनकर रह गया है।

अपनी शादी के पहले दिन को याद कर रोशनी कहती हैं, ‘मैं दुल्हन के रूप में अपने ससुराल में बैठी थी। मेरे सामने ही मेरे दहेज के समान को लात मारकर पति के रिश्तेदारों ने बिखेर दिया। मुझे ताना दिया गया कि बुलेट बाइक और दो लाख रुपए की बात हुई थी, वो लेकर क्यों नहीं आई। उनकी बातों को सुनकर मैं हैरान थी।’

शादी के पहले कुछ सप्ताह रोशनी के लिए अवसाद और प्रताड़ना से भरे रहे। बात-बात पर उन्हें दहेज का ताना दिया जाता। उकसावे में उनका पति भी उनसे मारपीट करता। इसके बाद जुलाई 2022 में उन्हें मायके भेज दिया गया।

रोशनी कहती हैं, ‘पति ने मुझसे कहा कि तुम मुहर्रम पर अपने घर चली जाओ। मैं तुम्हें लेने कुछ दिनों के बाद आ जाऊंगा। उस दिन मायके भेजने के बाद पति ने मेरी कोई खैर-खबर नहीं ली। मैं उस वक्त मां बनने वाली थी। मेरी हालत खराब थी। भाई मेरे पति को बुलाने गया, लेकिन वो नहीं आए। मेरी सास ने कह दिया कि तुम्हारी बहन और बच्चा मर भी जाए तो हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’

रोशनी ने अपना परिवार बचाने के लिए पहले पंचायत बुलाई, ताकि आपसी बातचीत से उनका रिश्ता बच सके। रोशनी आरोप लगाती हैं, ‘भरी पंचायत में मुझे बदचलन कहा गया। मेरी बदनामी की गई। इसके बाद मैंने महिला थाने में शिकायत की, वहां भी मेरी कोई मदद नहीं की गई। मुझे ताना मारा गया कि तुम मुसलमानों में चार शादी हो जाती है, तेरे पति भी कर लेगा तो क्या हो गया।’

रोशनी को लगता है कि वो अपने परिवार पर एक बोझ हैं। वो रोते हुए कहती हैं, ‘कुंवारी बेटी मां-बाप की रोटी खाती है और शादीशुदा बेटी घर में बैठी हो तो उनकी बोटी खाती है। मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं यहां मायके में बैठकर अपने मां-बाप को ही खा रही हूं।’

बात करते-करते रोशनी जोर-जोर से रोने लगती हैं। हांफती हुई आवाज में वो कहती हैं, ‘मेरा पति दूसरी शादी करने जा रहा है। मुझे नींद नहीं आती, दवाइयां खाती हूं। मैं दवा के लिए पैसा कहां से लाऊं, कोर्ट फीस के लिए पैसा कहां से लाऊं। तनाव में बेहोश हो जाती हूं। मेरे अब्बू मेरा खर्च उठाएं या मुझे खिलाएं।’

रोशनी अपने पति की दूसरी शादी रोकने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन पुलिस में शिकायत और अदालत में मुकदमे के बावजूद उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है। कहती हैं, ‘मैं जहां भी मदद की गुहार लगाने जाती हूं, मुझसे कह दिया जाता है कि इस्लाम में पुरुष चार तक शादियां कर सकते हैं। चार शादियों की वजह से मेरे जैसी लड़कियों की जो जिंदगी बर्बाद हो रही है, उस पर कोई बात नहीं करता।

मुझे दहेज की वजह से छोड़ा जा रहा है और कोई कारण नहीं है। जब मैं हूं तो मेरा पति दूसरी शादी क्यों कर रहा है? अगर मैं मर जाती, बच्चा पैदा नहीं कर पाती, तो कर लेता, मेरे जिंदा होते वो ऐसा क्यों कर रहा है और उसे रोकने के लिए कोई कानून क्यों नहीं है।’

रोशनी को जब पता चला कि पति दूसरी शादी कर रहा है तो वो उसे रोकने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ आगरा गईं। उस लड़की से मिलीं जिससे उनके पति की शादी होने वाली थी।

रोशनी कहती हैं, ‘जब मैंने उस लड़की को बताया कि मेरी राशिद (बदला हुआ नाम) से शादी हुई है तो उसने कहा कि मुझे तो बताया गया कि वो कुंवारा है। मैंने उससे कहा कि अभी तक मेरा तलाक नहीं हुआ है, तुम मेरे पति से शादी कैसे कर सकती हो तो उसने शादी रोक दी। इसके बाद से मेरे पति मुझे कह रहा है कि अब तुम तलाक के लिए तड़प जाओगी। तुम्हें आजाद नहीं करूंगा।’

रोशनी सवाल करती हैं, ‘ये कैसा इंसाफ और कानून है। हम जैसी लड़कियों को तो जहर ही देकर मार दिया जाए, हम यूं ही तिल-तिलकर मरते हैं।’

अपना परिवार बचाने के लिए रोशनी अपने ससुराल गईं और खुद को रख लेने की गुहार लगाई। रोशनी कहती है, ‘मैंने अपनी सास से कहा कि मुझसे गलती हुई या आपसे हुई, पुरानी बातों को खत्म करो और मुझे साथ रख लो, लेकिन मुझे बहुत मारा पीटा गया। मैं बेहोश तक हो गई थी। मौके पर पुलिस बुलाई गई। मुझे अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने न मेरी शिकायत ली और न ही मेडिकल कराया। शायद पुलिस मेरे ससुरालवालों के प्रभाव में थी।’

रोशनी से मिलने के बाद मैं दिल्ली के जामिया नगर इलाके पहुंचती हूं। मेरी मुलाकात 42 साल की रिजवाना रियाज से हुई। उनकी शादी नवंबर 2006 में हुई थी।

रिजवाना याद करती हैं कि शादी के बाद के कुछ साल बहुत अच्छे थे, लेकिन पहले बेटे के जन्म के बाद हालात खराब होते गए। अब उनके पति ने तलाक की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही गुपचुप तरीके से शादी कर ली है। पेशे से टीचर रिजवाना अब चक्कर काट रही हैं और उनके पति अपनी दूसरी पत्नी के साथ रह रहे हैं।

बात करते-करते रिजवाना के शब्द कांपने लगते हैं और वो रोने लगती हैं। कुछ देर की खामोशी के बाद रिजवाना बोलीं, ‘2010 में एक दिन मुझे बहुत मारा पीटा गया। उस दिन मैं मायके आ गई थी। उन्होंने कहा गया कि वो मुझे छोड़ेंगे भी नहीं और ससुराल वापस लाएंगे भी नहीं।’

आप कब से ससुराल नहीं गई? रिजवाना ने बताया, ‘मेरी सगी बहन की शादी उसी घर में हुई है। मुझे समझाया गया तुम परिवार तोड़ोगे तो बड़ी बहन की जिंदगी भी खराब होगी। 2013 में अम्मी-अब्बू ने मुझे ससुराल भेज दिया। मेरी गलती नहीं थी फिर भी मैंने वहां जाकर माफी मांगी।’

क्या आप जॉब करती थी? जब मैं अपने घर आ गई थीं तब उनके सामने अपना खर्च चलाने की दिक्कत थी। मैं पढ़ी-लिखी हूं, एक स्थानीय स्कूल में गेस्ट टीचर की नौकरी शुरू कर दी। जब ससुराल लौटी तो मेरी नौकरी को भी मुद्दा बनाया गया। मेरे साथ फिर से बदतमीजी शुरू हो गई थी, मैं ये सोचकर बर्दाश्त करती रही कि मुझे अपना घर बचाना है।’

2016 की एक घटना को याद करते हुए रिजवाना कहती हैं, ‘मामूली बात पर मुझे बुरी तरह पीटा गया। मेरी बड़ी बहन ने मदद के लिए पुलिस बुलाई तो मेरे पति ने पुलिस के सामने ही मुझे मारा। इसके बाद पुलिस उन्हें हिरासत में ले गई। अगले दिन सीलमपुर अदालत में जब मुझे बुलाया गया तब वो मुझ से माफी मांगने लगे। मेरे परिवार ने भी मुझ पर कॉम्प्रोमाइज करने का दबाब बनाया।’

आपने कॉम्प्रोमाइज किया? हां। इतना कहकर रिजवाना रोने लगती हैं।

अपने आंसुओं को थामते हुए कहती हैं, ‘कॉम्प्रोमाइज के अलावा मेरे पास दूसरा कोई उपाय नहीं था। पति कुछ दिन फिर ठीक रहे। इसी दौरान 2017 में मैं दोबारा प्रेग्नेंट हो गई। मेरी प्रेग्नेंसी भी परिवार में एक मुद्दा बन गई और मेरे पति ने मुझसे हर तरह से दूरी बना ली।

इसके बाद उन्हें मुझसे या मेरे बेटे से कोई मतलब नहीं था। डिलीवरी के दिन मैं बहुत तड़प रही थी, मेरे पति ने सब देखा और मुझे ऐसे ही छोड़कर दफ्तर चले गए। मेरे जेठ जो मेरे बहनोई भी हैं वो मुझे अस्पताल ले गए। मेरा दूसरा बेटा हुआ, उसे देखने कोई अस्पताल देखने नहीं आया।’

आपके साथ ऐसा व्यवहार आखिर क्यों हो रहा है?

रिजवाना कहती हैं कि पति दूसरी शादी करना चाहते थे। बेटों से भी उन्होंने दूरी बना ली। मुझ पर घर छोड़ने का दबाव बनाया जाने लगा। इसी बीच रोजमर्रा की लड़ाईयों की वजह से मेरी बड़ी बहन ने अपना घर बदल लिया। वो किराये के मकान में रहने चली गई।

बड़ी बहन के घर छोड़ने के बाद मैं ससुराल में बिल्कुल अकेली हो गई। मार्च 2019 में मुझे पीटकर बच्चों के साथ घर से निकाल दिया गया। 2019 के बाद से मैं अपनी बहन के घर में रह रही हूं।

अब यहां कोई खैर-खबर लेने आता है? वो कहती हैं, ‘नहीं। अब एक नया मुद्दा बना दिया गया है। मेरे चरित्र पर सवाल उठाया जा रहा है कि बहनोई के साथ रह रही है। कोई ये नहीं कहता कि ये दो बच्चों को लेकर कहा जाएगी। मैं अपना खर्च निकालने के लिए स्कूल में पढ़ा रही हूं। मैं जिस स्कूल में पढ़ाती हूं वो जाफराबाद के उसी इलाके में है, जहां मेरा ससुराल है। मैं रोज ताने सुनती हूं। मैं ये सब सहती रहती हूं।’

आपके पति चाहते हैं कि आप नौकरी छोड़ दें, आप क्या चाहती हैं?

रिजवाना कहती हैं, ‘नौकरी मैं आज ही छोड़ दूं लेकिन इस बात की क्या गारंटी की कल मेरे पति मुझे नहीं छोड़ेंगे या दूसरी शादी नहीं करेंगे। मैंने यही बात उनसे कही।’

उनके पति ने उन्हें तलाक का नोटिस भेज दिया। रिजवाना दावा करती हैं कि उनके पति ने कहा था कि मैं तुम्हें इस तरीके से तलाक दे दूंगा कि तुम मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकोगी।

मैंने पूछा कैसे? रिजवाना ने बताया कि पति ने उन्हें तीन-तीन महीनों के अंतराल पर तलाक के तीन नोटिस भेजे। लेकिन उन्हें अब तक सिर्फ दो ही नोटिस मिले। इस्लाम में तीन तलाक की प्रथा के तहत तीन-तीन महीनों के अंतराल पर अगर तलाक दिया जाए तो उसे वैध माना जाता है। इस दौरान शादी को बचाने के लिए बातचीत का रास्ता खुला रहता है। अगर इस अवधि में पति-पत्नी में सहमति नहीं बनती है तो ये मान लिया जाता है कि दोनों साथ रहने के लिए तैयार नहीं है।

रिजवाना कहती हैं, ‘इन्हें एक साथ तीन तलाक देने का डर था, क्योंकि ऐसा करने पर वो जेल जा सकते थे। अगर इन्होंने शरियत के हिसाब से मुझे तलाक दिया है तो मुझे मेरा मेहर और इद्दत का पैसा तुरंत देना चाहिए था। ऐसा भी नहीं किया। अगर इन्हें अदालत के जरिए तलाक देना था तो वो कार्रवाई पूरी होनी चाहिए थी। मेरे मामले में कुछ भी नहीं हुआ। बस मुझे छोड़कर यूं ही लटका दिया गया है।’

इसी बीच रिजवाना के पति ने चुपचाप शादी कर ली। इसका पता उन्हें दिसंबर 2023 में चला है।

रिजवाना कहती हैं, ‘मैंने महिला आयोग में शिकायत डाली थी। परामर्श चलता रहा लेकिन अभी तक मेरे मामले में FIR नहीं की गई। मैंने जांच अधिकारी से FIR की गुजारिश की तो उन्होंने कहा कि FIR करके तुम क्या करा लोगे। ‘

रिजवाना कहती हैं, ‘मुझे दुख होता है यह सोचकर कि शादी के इतने साल बाद मुझे छोड़ दिया गया। मैंने कभी कोई बदतमीजी नहीं की, हमेशा सबकी खिदमत की। पहले मुझे अकेला छोड़ दिया गया और फिर बदचलन भी मुझे ही कहा गया।

मैं अकेली औरत अपने दो बेटों को पालूं या ये लड़ाई लडूं या इस उम्र में अपनी सेहत को देखूं। मैं बहुत अकेली हूं, टेंशन में हूं और उसने दूसरी शादी कर ली है।

हमारा कुरान ये कहता है कि अगर आप दूसरी शादी भी कर रहे हैं तो पहली बीबी को उसके बराबरी के अधिकार दो। मैं अपने हक की लड़ाई जारी रखूंगी। मैं किसी की मोहताज नहीं हूं। अपने दम पर बच्चे पाल रही हूं। मैं बस ये साबित करना चाहती हूं कि मर्द जो ये सोचते हैं कि वो बीवी को उसको हाल पर छोड़ सकते हैं, मैं ये साबित करना चाहती हूं कि औरतों को इस तरह से नहीं छोड़ा जा सकता।’

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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